पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के लोग चीनी कंपनियों से बुरी तरह से परेशान हो चुके है। पीओके में चीनी कंपनियों की मनमानी वहां के लोगों के लिए परेशानी खड़ा कर रही है। हाल ही में चीनी कंपनियों ने मनमानी करते हुए पीओके में कश्मीरियों को कंपनी से बर्खास्त कर दिया।
नीलम झेलम जलविद्युत परियोजना में काम करने वाले करीब 100 से अधिक कश्मीरी श्रमिकों को चीन की सीजीजी-सीएमईसी (चीनी संघ) ने कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
कंपनी से बर्खास्त किए गए कश्मीरियों ने भी चीनी कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कश्मीरी श्रमिकों की तरफ से कंपनी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। साथ ही मांग की जा रही है या तो उन्हें नौकरी पर वापस रखा जाए या फिर नौकरी नहीं देने की दशा में मुजावजा दिया जाए।
कोर्ट के स्टे ऑर्डर के बावजूद किया बर्खास्त
कश्मीरी श्रमिकों का आरोप है कि कोर्ट से स्टे ऑर्डर मिलने के चलते हुए भी उन्हें बर्खास्त किया गया है। नीलम झेलम जलविद्युत परियोजना के तहत काम करने वाले एक श्रमिक ने बताया कि हमने कोर्ट से स्टे ऑर्डर भी लिया था। लेकिन इसके बावजूद भी चीनी कंपनी ने हमे जबरदस्ती बाहर निकाल दिया है।
एक अन्य कश्मीरी श्रमिक ने कहा कि मजदूर अपने अधिकारों के लिए विरोध कर रहे है। आवामी श्रम संघ ने इस हड़ताल को बुलाया है। कोर्ट से स्टे आने के बावजूद भी मनमानी कर रही है। हम चीनी कंपनी के इस गैरकानूनी कृत्य के खिलाफ विरोध कर रहे है।
चीन से बुलाना चाहते है कर्मचारी
कई कश्मीरी श्रमिकों का कहना है कि चीनी कंपनी अब हमारी जगह पर चीनी कर्मचारियों को बुलाना चाहती है। इसलिए ही उन्हें निकाला गया है। एक अन्य कश्मीरी श्रमिक ने कहा कि मैं पिछले आठ सालों से इस कंपनी में काम कर रहा हूं। मुझे बर्खास्त कर दिया गया है क्योंकि वे मेरी जगह एक नए व्यक्ति की भर्ती करना चाहते थे।
आवामी श्रम संघ ने सौ से अधिक कर्मचारियों और उनके परिवारों के करियर को खराब करने के लिए चीनी कंपनियों के खिलाफ अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया है।
अब बर्खास्त किए गए श्रमिकों को अपने भविष्य की चिंता हो रही है। गौरतलब है कि 7 जुलाई, 2007 को पीओके में बांध और बिजली स्टेशन के निर्माण के लिए एक चीनी कंपनी के साथ एक अनुबंध किया गया था।