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    चीन का राष्ट्रीय ध्वज

    चीन की सत्तासीन कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थित अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक खबर प्रकाशित करते हुए कहा कि चीन और अमेरिका के मध्य व्यापार युद्ध से भारत के मंसूबों का कामयाब होना शून्य है। उन्होंने कहा कि भारत की उद्योगिक क्षमता चीन की उत्पादक प्रक्रिया के सामने कहीं नहीं टिकती है।

    ग्लोबल टाइम्स की वेबसाइट ने कहा कि भारत की मंशा स्पष्ट है कि वह विश्व व्यापार की रोटी का एक बड़ा हिस्सा लपक लेना चाहता है। भारत के वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा था कि चीनी शिपमेंट के अनाकर्षित होने के के कारण भारत अमेरिका और वैश्विक बाज़ार में माल निर्यात करने में वृद्धि करेगा।

    चीनी अखबार ने कहा कि भारत अमेरिका और चीन के मध्य चल रहे व्यापार युद्ध का फायदा उठाने की मंशा रखता है। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया के राष्ट्र इस अवसर का फायदा उठाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। विश्व व्यापार संघठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने विश्व वे साल 2017 में 1.68 प्रतिशत का निर्यात किया है जबकि चीन ने भारत की तुलना में 12.77 प्रतिशत का निर्यात किया है।

    उन्होंने कहा कि अमेरिका के बाज़ार में मेड इन चीन की जगह मेक इन इंडिया का लेना असंभव है। उन्होंने कहा कि कोई भही देश अमेरिका के बाज़ार में चीनी सामान की कमी की पूर्ती नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि विशेषत भारत जैसे देश जिनकी चीन की उत्पादन क्षमता के आगे उद्योग कही खड़ा नहीं होता है।

    अमेरिका की एक या दो कंपनी भारत में उत्पादन करने के लिए तैयार होंगी। यह नई दिल्ली के लिए असंभव मिशन है।  क्योंकि चीनी निर्यात के आगे भारत कही नहीं टिकता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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