Mon. Dec 23rd, 2024
    चाहे गलवान हो या तवांग हो, भारत की सेनाओं ने शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया है: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को नई दिल्‍ली में FICCI के 95वें वार्षिक सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चाहे गलवान हो या तवांग हो, भारत की सेनाओं ने जिस शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाये कम है। 

    उन्होंने कहा, बतौर रक्षा मंत्री में वह कई देशों में जाते हैं। अब जब वहाँ के नेताओं से बात होती है तो वे हमारे देश के प्रधानमंत्री की भरपूर सराहना करते हैं। उन्होंने कहा, अब भारत विश्व पटल पर एजेंडा सेटिंग करने का काम कर रहा है। 

    रक्षा मंत्री कहा, “हमारा देश 2047 में अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। यह 100 साल पूरे देश के लिए होंगे, जिसमें हम सब शामिल हैं। उस 100 वर्ष के उपलक्ष्य में आप सभी ने अपने सामने क्या संकल्प लिए हैं, क्या लक्ष्य तय किए हैं, उसका एक रोडमैप बनाएं।”

    श्री सिंह ने कहा, आज हमारा देश गुलामी की मानसिकता को छोड़कर हमारे सांस्कृतिक गौरव की पुर्नस्थापना कर रहा है। उन्होंने कहा, हमने अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे औपनिवेशिक मानसिकता को त्याग कर राजपथ का नाम कर्तव्य पथ कर दिया हैं और इंडिया गेट पर नेताजी सुभाश चन्द्र की एक भव्य प्रतिमा भी लगा दी है ताकि नेताजी से लोग प्रेरणा लेकर अपने कर्तव्यों का पालन करें। हाल ही में भारतीय नौसेना का अंग्रेजी निशान भी बदल दिया गया है। भारत के युद्ध पोतो पर अब सेंट जार्ज का क्रास नही भारतीय नौसेना के छत्रपति शिवाजी महाराज की मुहर से प्रेरित निशान लगाया जा रहा है।

    उन्होंने कहा एनडीए सरकार वर्ष 2025 तक डेनफेन्स प्रोडक्शन को 12 बिलियन यूएस डॉलर से बढ़ाकर 22 बिलियन यूएस डॉलर करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। इस तरह के growth के साथ industry के लिए कई अवसर उपलब्ध होंगे। 

    श्री सिंह ने FICCI के 95वें वार्षिक सम्‍मेलन के माध्यम से घरेलु उद्योग, और विदेशी ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर से, रक्षा क्षेत्र में निवेश करने, और इस अवसर का लाभ उठाते हुए ग्लोबल सप्लाई चैन में जुड़ने होने का आवाहन किया।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *