Fri. Nov 8th, 2024
    चाहबार बंदरगाह

    अफगानिस्तान ने चाहबार बंदरगाह के मार्ग से पहला कन्साइनमेंट भारत की भेज दिया है। अफगानिस्तान के निरमोज़ प्रान्त में इस समारोह का आयोजन किया गया था। जिसे राष्ट्रपति अशरफ गनी ने हरी झंडी दिखाई थी। इस समारोह में भारत, ईरान, तुर्की के राजदूत और इंडोनेशिया व कजाखिस्तान के राजनयिक भी शरीक हुए थे।

    विषय-सूचि

    570 टन सामान

    भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार को बढावा देने के लिए ईरान ने चाहबार बंदरगाह को खोला था। इसका मकसद व्यापार का प्रचार करना है। 23 ट्रकों में कारपेट, ड्राई फ्रूट, रूई, स्टॉन व अन्य सामान था। इसका वजन 570 टन था।

    अधिकरिक सूत्रों के मुताबिक भारत ने साल 2017 से गेंहू, दाल व अन्य सामान का 1.1 लाख टन भारी कन्साइनमेंट चाहबार बंदरगाह के माध्यम से अभी तक पहुंचा चुका है।

    भारतीय कंपनी ने लिया नियंत्रण

    ईरान ने चाहबार बंदरगाह का विकास के लिए आधिकारिक नियंत्रण की कंपनी इंडिया पोर्ट ग्लोबल लिमिटेड को सौंप दिया था। कंपनी ने जल्द ही चाहबार पर अपना दफ्तर शुरू कर दिया और चाहबार में स्थित शाहीद बहेस्ती बंदरगाह का नियंत्रण भी ले लिया है। सालों की इस मशक्कत के बाद भारत इस बंदरगाह के जरिये अफगानिस्तान, मध्य एशिया और रूस के भागों में पंहुच सकेगा।

    ट्रम्प प्रशसन की तरफ से आज़ादी मिलने के बाद मोदी सरकार ने चाहबार बंदरगाह के विकास कार्य को जारी रखा। जानकार व्यक्तियों ने कहा कि यह बंदरगाह यूरेशिया तक पहुँचने का द्वार है और इससे चारो तरफ से घिरे अफगानिस्तान तक पहुंचना भी आसान हो जायेगा।

    भारत ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी की फरवरी यात्रा के दौरान बंदरगाह को “शोर्ट टर्म लीज” समझौते पर हस्ताक्षर किये थे, ताकि बंदरगाह के इस अभियान की शुरुआत की जा सके। नई दिल्ली ने चाहबार बंदरगाह के काम्प्लेक्स के लिए 50 करोड़ डॉलर की राशि देने का वादा किया था, इसके आलावा 23 करोड़ 50 लाख डॉलर बंदरगाह के विस्तार के लिए देने हैं।

    चाहबार बंदरगाह समारोह का आयोजन

    भारत और ईरान 26 फरवरी को चाहबार दिवस के आयोजन की योजना बना रहे हैं। यह ईरान का महत्वपूर्ण रणनीतिक बंदरगाह है, संचालन भारत कर रहा है। कारोबारी समूह और अन्य का नेतृत्व भारतीय दल के प्रतिनिधि करेंगे।  इस एक दिवसीय आयोजन में अफगानिस्तान, मध्य एशिया और रूस के भाग लेने की भी सम्भावना है। ईरान बंदरगाह की अपार संभावनाओं पर एक प्रेजेंटेशन देगा। ईरानी अधिकारी ने कहा कि यह आयोजन कारोबारियों, व्यापारियों, कंपनियों और विभिन्न राष्ट्रिय व अंतर्राष्ट्रीय लाइनर्स के लिए एक सुनहरा मौका है।
    चाहबार बंदरगाह की क्षमता का प्रचार और लोकप्रिय बनाने के लिए 26 फ़रवरी 2019 को एक समारोह के आयोजन का निर्णय लिया है। इस डील के तहत, इमबोर्ट-एक्सपोर्ट बैंक ऑफ़ इंडिया ने ईरान को 15 करोड़ डॉलर दिए थे और जरूरती उपकरणों को मुहैया करने के लिए 85 मिलियन डॉलर दिए थे। चाबहार पोर्ट का विकास दो भागों में किया जायेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *