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    मोदी-ट्रम्प

    अमेरिका नर ईरान पर दूसरे चरण के प्रतिबंध 5 नवंबर से लगा दिए थे। ईरान के चाहबार बंदरगाह के विस्तार करने में अमेरिका ने भारत को रियायत दे दी है। चाहबार बंदरगाह की रेलवे लाइन अफगानिस्तान को जोड़ेगी जो भारत कर लिए रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है।

    राज्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि चाहबार बंदरगाह के लिए ईरान फ्रीडम एंड प्रोलीफेराशन एक्ट ऑफ 2012 के तहत भारत को प्रतिबंधों से छूट दी गयी है। उन्होंने कहा कि भारत इस बंदरगाह का विस्तार कर सकता है, साथ ही भारत ईरान से तेल आयात कर सकता है।

    अमेरिका ने सोमवार को ईरान पर दुनिया के सबसे कठोर प्रतिबंध लगाये हैं। अमेरिका चाहता है कि ईरानी सरकार उनके फैसलों को मानने पर मजबूर हो जाये। अमेरिका ने एशिया, यूरोप और दुनिया की सभी कंपनियों को ईरान के साथ तेल सौदा करने से साफ इनकार कर दिया है। अमेरिका ने चेताया कि जो कंपनी ईरान के साथ सैदेबाज़ी करेगी उस पर अमेरिका प्रतिबंध लगाएगा।

    हाल ही में अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने कहा था कि अमेरिका आठ राज्यों को कुछ शर्तों के साथ ईरानी प्रतिबंधों से रियायत दे रहा है। इसमे भारत, चीन, तुर्की, दक्षिण कोरिया, ताइवान, ग्रीस और इटली है। यह देश अगले छह महीने में ईरान से तेल आयात शून्य कर लेंगे।

    चाहबार बंदरगाह पर से अमेरिकी प्रतिबंध के बाबत अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि यह रियायत अफगानिस्तान में आर्थिक विकास और मदद के लिए है। यह गतिविधियां अफगानिस्तान की आर्थिक वृद्धि और  मानवीय राहत में सहायक होगी।

    राष्ट्रपति ट्रम्प की साउथ एशिया पॉलिसी के कारण चाहबार पोर्ट के विकास में अमेरिका में रियायत बरती है। इस नीति के मुताबिक भारत अफगानिस्तान में शांति और विकास में एक अलहदा किरदार निभाएगा।

    अमेरिका के प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति के रणनीति अफगानिस्तान के आर्थिक वृद्धि और विकास है साथ ही अमेरिका के साथ नजदीकी संबंध बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि हम दोनों राष्ट्रों के साथ मज़बूत सम्बंध बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम ईरान पर अधिक दबाव डालेंगे ताकि वो अपनी नापाक नीतियों को बदलने के लोए मजबूर हो जाये।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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