Thu. Feb 20th, 2025
Prasad Yadav arrives at special CBI court to appear in connection with the fodder scam case against him, in Ranchi. Photo Credit : PTI

चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को दोषी ठहराने वाली विशेष सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में अपील दायर की गई है।लालू के वकील ने जमानत याचिका भी दाखिल की है।

चारा घोटाला मामले में सोमवार को सीबीआई की एक अदालत ने लालू प्रसाद यादव को पांच साल कैद की सजा सुनाई और उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। यह बता दें कि लालू यादव को 15 फरवरी को दोषी घोषित किया गया था। मामले के 99 आरोपियों में से 24 को बरी कर दिया गया था, बाकी बचे 46 के लिए तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

यह है पूरा मामला

झारखंड के रांची में एक विशेष सीबीआई अदालत ने यादव को विशेष सीबीआई अदालत द्वारा डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का दोषी पाया था। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री को चारा घोटाला के चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। यह पांचवां और सबसे बड़ा मामला (RC 47A/97) था, जिसमें 139.35 करोड़ रुपये अवैध रूप से निकाले गए थे। 950 करोड़ रुपये का चारा घोटाला अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में सरकारी खजाने से धोखाधड़ी से सार्वजनिक धन की निकासी से संबंधित है। इस घोटाले का पता जनवरी 1996 में चाईबासा के उपायुक्त अमित खरे द्वारा पशुपालन विभाग पर छापेमारी के दौरान चला। मामले की जांच के बढ़ते दबाव के बाद, पटना उच्च न्यायालय ने मार्च 1996 में सीबीआई की मदद ली।

जून 1997 में, सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र में यादव को पहली बार मामले में एक आरोपी के रूप में नामित किया गया था। 

सजा सुनाये जाने के बाद भावुक हुए लालू

चारा घोटाले के पांचवें मामले में सजा सुनाये जाने के बाद लालू प्रसाद यादव भावुक हो गए। उन्होंने ट्विटर पर अपनी भावनाओं को साझा किया। उन्होंने अदालत के फैसले पर सीधे-सीधे कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन काव्यात्मक अंदाज में कहा है कि सलाखें उनके हौसले नहीं तोड़ सकतीं, क्योंकि सच उनकी ताकत है और जनता उनके साथ है। उन्होंने अन्याय, असमानता, तानाशाही और जुल्मी सत्ता के लड़ने का संकल्प प्रकट किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *