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    माइक पेन्स

    अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेन्स ने आगामी पांच सालों में चाँद पर आदमी को भेजने का लक्ष्य का ऐलान कर दिया है। नासा के वरिष्ठ अधिकारी सरकार की इस चुनौती से नाखुश है। माइक पेन्स हंट्सविले के नासा मार्शेल स्पेस फ्लाइट सेंटर में नेशनल स्पेस कॉउन्सिल की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

    स्पेस.कॉम के मुताबिक उन्होंने कहा कि “आज हम अंतरिक्ष की दौड़ में शामिल हैं, जैसे हम साल 1960 के दशक में थे। इस महत्वकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए अरबो रूपए का व्यय लगेगा। अमेरिकी सरजमीं से मानव अंतरिक्ष अभियान को बहाल करने में निजी साझेदारों के साथ नासा को काफी समस्या है।

    चाँद पर पंहुचने की डोनाल्ड ट्रम्प की ख्वाहिश को चुनावी मौसम में मतदाताओं का ध्यान नयी दिशा की तरफ मोड़ने का उद्देश्य हो सकता है। इससे अमेरिका, रूस और चीन की अंतरिक्ष हथियार क्षमताओं को भी मात दे सकता है। नासा का पूर्व में मकसद साल 2028 तक लूनर सतह से अंतरिक्ष यात्रियों को वापस बुलाना था। साल 2024 तक चाँद के करीब ऑर्बिट में पहला गेटवे स्टेशन की स्थापना होगी।

    सिर्फ दो देशों ने ही चाँद लैंडिंग की है, सोवियत संघ और चीन। हालाँकि दोनों के द्वारा इस्तेमाल किये गए रोबोट साधन की जानकारी नहीं मिली है।

    माइक पेन्स ने कहा कि “यह अगली विशालकाय उछाल का वक्त है।” यह शब्द चाँद पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति नील आर्मस्ट्रांग ने कहे थे। उप राष्ट्रपति ने कहा कि “अगले पांच बर्षों में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों की चाँद पर वापसी ही अगली विशालकाय उछाल होगी। इसका मसकद चन्द्रमा पर स्थायी उपस्थिति की स्थापना करना और मंगल ग्रह पर अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को तैनात करने के लिए तत्पर रहे।”

    us moon landing
    1969 में अमेरिका पहला ऐसा देश बना था, जिसनें चाँद पर किसी व्यक्ति को भेजा था

    उन्होंने कहा कि “इस अभियान के लिए नासा को अधिक साहसी, अधिक उत्तरदायी और ज्यादा मुस्तैद संगठन बनने  जरुरत होगी।” नासा के प्रशासक जिम ब्रिडेन्स्टीन ने ट्वीटर पर पोस्ट कर कहा कि “चुनौती स्वीकार है। अब कार्य करते हैं।”

    जिम ब्रिडेन्स्टीन ने अमेरिकी सीनेट समिति के समक्ष गवाही से दो हफ्ते पूर्व कहा कि “वह अगले विशाल रॉकेट और कैप्सूल वाहन को लांच करने से दो वर्ष दूर है। स्पेस लांच सिस्टम को कर्मचारियों और कार्गो को धरती के ऑर्बिट से परे ले जाने के लिए बनाया गया है। बोईंग कंपनी एसएलएस रॉकेट इंजन की प्राथमिक कांट्रेक्टर है।”

    नवंबर में नासा ने नौ अमेरिकी कंपनियों का नाम सुझाया जो पब्लिक-प्राइवेट साझेदारी के तहत फंडिंग के लिए प्रतिद्वंदता कर रही है। ताकि लूनर सरफेस के विस्तार के लिए तकनीक का विक्स किया जा सके।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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