भारत का महत्वकांक्षी अभियान चंद्रयान-2 भले ही योजना के मुताबिक न गया हो और आखिरी लम्हों में लैंडर विक्रम के साथ इसरो का संपर्क टूट गया हो, वैश्विक मीडिया ने इसरो के प्रयासों की सराहना की है।
भूटान के प्रधानमन्त्री लोटाय तेशेरिंग ने कहा कि “आज हमें भारत और उसके वैज्ञानिको पर गर्व है। बीते कुछ लम्हों में चंद्रयान 2 ने कुछ चुनौतियों का सामना किया लेकिन जो साहस और कड़ी मेहनत दिखाई गयी वह ऐतिहासिक थी।”
Bhutan PM Lotay Tshering:We are proud of India and its scientists today. #Chandrayaan2 saw some challenges last minute but courage and hard work you have shown are historical. Knowing Prime Minister Narendra Modi.I have no doubt he and his #ISRO team will make it happen one day pic.twitter.com/AA8B2vXx8o
— ANI (@ANI) September 7, 2019
एक अमेरिकी मैगजीन वायर्ड ने कहा कि “चंद्रयान-2 पर विक्रम का नियोजित पथ से भटक जाने से सब कुछ खत्म नहीं हुआ है। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का नुकसान भारत के अन्तरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक भारी झटका हो सकता है लेकिन अभियान में सब कुछ खत्म नहीं हुआ है।”
न्यूयोर्क टाइम्स ने लिखा कि भारत के इंजीनियरिंग कौशल और दशको के अन्तरिक्ष विकास ने उसके वैश्विक मंसूबो में योगदान दिया है, लेकिन चंद्रयान 2 की चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं होना आंशिक विफलता है।” फ्रेंच डेली ले मोंडे ने लिखा कि लूनर सतह पर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग की सफलता का दर 45 फीसदी है। वैज्ञानिको के मुताबिक, इस बहियाँ में भारत को 45 फीसदी सफलता मिली है।
Planetary Society community, please join us in sending support to @isro on the apparent crash landing of their #VikramLander.
Today marks a chapter in the great story of your space program. We look forward to the next one, and for a successful Chandrayaan-2 orbiter mission. pic.twitter.com/hliW2JjVYs
— Planetary Society (@exploreplanets) September 6, 2019
खलीज टाइम्स ने लिखा कि “7 सितम्बर को चन्द्रमा पर भारत का पहला लैंडर विक्रम उतरने को तैयार है, इसरो ने दूसरा और अंतिम ऑर्बिटल अभियान को बुधवार को सफलतापूर्वक पूरा कर दिया है।
फॉक्स न्यूज़ ने लिखा कि “चन्द्रमा पर उतरने का भारत का सपना वास्तविकता के काफी करीब है। उनका चंद्रयान 2 एयरक्राफ्ट सोमवार को दो भागो में विभाजित हो गया था और इसका एक भाग इस सप्ताह के अंत में लूनर सरफेस पर लैंड करेगा।
बीबीसी ने प्रतिक्रिया में कहा कि “15 करोड़ डॉलर का चंद्रयान 2 अपने पूर्व चंद्रयान 1 की उपलब्धियों को आगे बढ़ाएगा।चंद्रयान 1 को साल 2008 में लूनर सतह पर जल के अंशो को ढूढने के लिए भेजा था।
वांशिगटन पोस्ट ने लिखा कि “भारत चन्द्रमा पर हैडर को उतारने की कोशिश में अपने लैंडर से संपर्क गँवा बैठा। यह घटना भारत के अन्तरिक्ष मंसूबो को डगमगा सकता है, जो युवा आबादी की इच्छाओं को प्रदर्शित करता है। चन्द्रमा पर 38 सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश में सिर्फ आधी की सफल थी। भारत को उम्मीद है कि उनका चंद्रयान मिशन उन्हें चाँद पर लैंड होने वाले चार राष्ट्रों की सूची में शामिल कर देगा।”