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    चेन्नई, 22 जुलाई (आईएएनएस)| चंद्रयान-2 मिशन के प्रक्षेपण की रविवार शाम 6.43 बजे शुरू की गई उल्टी गिनती सोमवार को बिना किसी अवरोध के जारी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी। चंद्रयान-2 परियोजना 978 करोड़ रुपये की है। उल्टी गिनती के दौरान रॉकेट और अंतरिक्ष यान तंत्र की जांच की जाएगी और उसमें ईधन भरा जाएगा।

    रॉकेट सोमवार अपराह्न 2.43 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा।

    इसरो के अनुसार, दूसरे चरण/इंजन में अनसिमिट्रिकल डाइमिथाइलहाइड्राजाइन (यूडीएमएच) और नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड (एन2ओ4) के साथ ईंधन भरने की प्रक्रिया हो चुकी है।

    चंद्रयान-2 के साथ जीएसएलवी-एमके तृतीय को पहले 15 जुलाई को तड़के 2.51 बजे प्रक्षेपित किया जाना था। हालांकि प्रक्षेपण से एक घंटा पहले एक तकनीकी खामी के पाए जाने के बाद प्रक्षेपक्ष स्थगित कर दिया गया था।

    इसरो ने बाद में 44 मीटर लंबे और लगभग 640 टन वजनी जियोसिंक्रोनाइज सैटेलाइट लांच व्हीकल – मार्क तृतीय (जीएसएलवी – एमके तृतीय) की खामी को दूर कर दिया। जीएसएलवी – मार्क तृतीय का उपनाम बाहुबली फिल्म के इसी नाम के सुपर हीरो के नाम पर बाहुबली रखा गया है।

    फिल्म में जैसे नायक विशाल और भारी शिवलिंग को उठाता है, उसी तरह रॉकेट भी 3.8 टन वजनी चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को उठाकर अंतरिक्ष में ले जाएगा।

    उड़ान के लगभग 16वें मिनट में 375 करोड़ रुपये का जीएसएलवी-मार्क तृतीय रॉकेट 603 करोड़ रुपये के चंद्रयान-2 विमान को अपनी 170 गुणा 39, 120 किलोमीटर लंबी कक्षा में उतार देगा।

    इसरो अब तक तीन जीएसएलवी-एमके तृतीय भेज चुका है।

    जीएसएलवी-एमके तृतीय का उपयोग 2022 में भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन में भी किया जाएगा।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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