आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलगु देसम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और अन्य 15 लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र की अदालत गैर जमानती वारंट जारी किया हैं।
महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के धर्माबाद के प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट ने 2010 एक केस की सुनवाई करते समय, आंध्रप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और 15 लोगों की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया हैं।
सीएम नायडू और अन्य 15 लोगों के विरुद्ध जुलाई 2010 में महाराष्ट्र में बबली प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन के विरोध में आन्दोलन करने और कोर्ट के फैसले का अनादर करने के मामले में कोर्ट द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किया गया हैं।
2010 में जब चंद्रबाबू नायडू, आंध्रप्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष थे तब, उन्होंने तेलुगु देसम पार्टी के विधायकों समेत गोदावरी नदी पर बांधे जा रहे बाँध के विरोध में आन्दोलन किया था।
गोदावरी नदी पर बाँध का निर्माण किए जाने के बाद राज्य के तेलंगाना प्रान्त में सूखे जैसे हालात उत्पन्न हो जाएँगे यह कारन बताते हुए, आन्दोलन का नेतृत्व चंद्रबाबू नायडू ने किया था।
धर्माबाद कोर्ट द्वारा नोटिस भेजे गए व्यक्तियों में आंध्रप्रदेश कैबिनेट के दो मंत्री डी उमा महेश्वर राव और एन आनंद बाबू भी शामिल हैं।
कोर्ट ने कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर के आर्टिकल 70 के अंतर्गत सभी आरोपियों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी करते हुए, धर्माबाद के पुलिस को आदेश दीए हैं की वे सभी आरोपियों को 21 सितम्बर से पहले कोर्ट के सामने सुनवाई के लिए पेश करें।
जब चंद्रबाबू नायडू, तिरुमाला देवस्थान में राज्य सरकार की ओर से ब्रह्मोस्त्सवं में भगवान वेंकटेश्वर को अंग वस्त्र अर्पण कर रहे थे तभी उन्हें कोर्ट द्वारा जारी नोटिस की सूचना दी गयी।
कोर्ट द्वारा जारी इस वारंट से राज्य में राजनीतिक अस्थिरता आने के संकेत बताए जा रहे हैं, क्योंकि इस साल शुरुवात में टीडीपी जोकि एनडीए का सहयोगी दल था, सरकार से अलग हो चूका हैं। आंध्रप्रदेश विधानसभा में टीडीपी, को भाजपा का समर्थन नहीं हैं।