आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर जुबानी हमला किया है। उन्होंने कहा है कि “साल 2013 में प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री जो सारे सवाल किए थे वे उनका जवाब दें।”
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने नायडू पर यह कहते हुए प्रहार किया था कि,”नायडू पुलवामा हमले में भारत के प्रधानमंत्री के बयान से ज्यादा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान पर भरोसा करते हैं।” इसी के जवाब में नायडू ने अमित शाह और मोदी को घेरे में लिया है।
अमित शाह ने यह बातें गुरुवार को राजमुंदरी में एक जनसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा,”पहले उन्होंने महान एनटीआर को धोखा दिया, फिर उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ छल किया और अब वे अपने राजनीतिक फायदे के लिए नरेंद्र मोदी को धोखा दे रहे हैं। किसी को भी अपने राजनीतिक हितों के लिए इस स्तर तक नहीं गिरना चाहिए।”
शुक्रवार को चंद्रबाबू नायडू ने उनका जवाब देते हुए कहा कि, भाजपा अध्यक्ष अपने बयान को साबित करके दिखाए। साथ ही यह भी लिखा कि, “40 जवानों के शहीदों की आड़ में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस, टीडीपी व टीएमसी पर कीचड़ उछाल रही है। जहां हम सभी मिलकर देशहित की बात कर रहे हैं वहां भाजपा अपना हित देख रही है। पुलवामा की घटना सरकार के सुरक्षा इंतजामों की नाकामयाबी के कारण हुई है।”
इसके अलावा टीडीपी प्रमुख ने मोदी से सीधे पांच सवालों के जवाब मांगे हैं, यह वही सवाल हैं जो मनमोहन सिंह के शासनकाल में आतंकवादी हमले के बाद बतौर मुख्यमंत्री मोदीजी ने पूछे थे-
- जब देश की सुरक्षा प्रधानमंत्री की जिम्मेवारी है तो इन आतंकवादियों को हलाल के जरिए पैसा कहां से मिल रहा है?
- क्या प्रधानमंत्री के पास पर्याप्त अधिकार नहीं है कि वे आतंकवाद रोक सकें?
- जब पूरी सेना आपके नियंत्रण में है तो फिर आंतकवादी हमला कैसे हुआ?
- क्या यह खुफिया विभागों की नाकामी नहीं है?
- आप अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं?
नायडू ने इन सवालों के बाद कहा कि,”अब मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि वे पुलवामा हमले की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए कब अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि,”मोदी जवाब दें कि जब कश्मीर में सेना के 40 जवान शहीद हुए तब वे कहां थे। क्या वे खबर सुनने के बाद भी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे।”
उन्होंने अमिता शाह से भी कहा है कि,”मेरे खिलाफ दिए बयान का सबूत जनता को सौंपे, अन्यथा जनता को गुमराह करने के लिए उनसे माफी मांगे।”