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    चंदा कोचर

    नई दिल्ली, 18 मई (आईएएनएस)| कहा जाता है कि अगर आप पक्षपातपूर्ण रवैया रखेंगे तो आखिर में आपको कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा।

    इसी प्रकार की एक और कहावत है कि विपत्ति अकेली नहीं आती, बल्कि कई और संकटों को साथ लेकर आती है।

    चंदा कोचर और उनके पति दीपक के वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत से जुड़ने से उनकी किस्मत के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, जो अपने पीछे सबूत छोड़ गए और जो अपराध स्थल पर बने रहे।

    आईएएनएस ने इस खोजी श्रंखला में पहले ही बताया है कि कोचर बंधु -दीपक और राजीव- के स्वामित्व वाली दोनों क्रेडेंशियल फाइनेंस कंपनियों -सीएफएल-1 और सीएफएल-2- में प्रमुख निवेशक के तौर पर तीनों संदिग्ध कंपनियों में मेल है। ये कंपनियां मॉडर्न फैशंस और केजी कंप्यूटर्स और एबीएस कंपोनेंट्स हैं। नोटबंदी के बाद मॉर्डन फैशंस बंद हो गई।

    आइए अब सरकारी रिकॉर्ड में मॉडर्न फैशंस के दस्तावेजों की जांच करते हैं।

    सीएफएल के तुलनपत्र से पता चलता है कि मॉडर्न फैशंस ने 30 सितंबर, 2000 को सीएफएल के अधिमान शेयरों में 1.20 करोड़ रुपये और इक्विटी शेयर में 37.43 लाख रुपये का निवेश किया। कंपनी का कुल निवेश 1.57 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद पता चलता है कि मॉडर्न नाम की दो कंपनियां हैं। यह उसी प्रकार है, जिस प्रकार क्रेडेंशियल नाम की दो कंपनियां हैं।

    मॉडर्न फैशन प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली में पंजीकृत है, जबकि मॉडर्न फैशंस कोलकाता में, जिसने कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की वेबसाइट पर अपना नाम बदलकर मॉडर्न फैशंस प्राइवेट लिमिटेड कर लिया। अब तक मॉडर्न कोलकाता एक प्रमाणिक कंपनी है, जिसका स्वामित्व कोचर परिवार के पास नहीं है।

    मॉडर्न कोलकाता कंपनी 17 नवंबर, 1992 को अस्तित्व में आई और इसके पंजीकरण कार्यालय का पता 9-डेकर्स लेन फ्लैट नंबर-17 दूसरी मंजिल साउथ ब्लॉक कोलकाता-700069 है और कंपनी की नींव डालने वाले विवेक हिमतसिंगका और विशाल हिमतसिंगका हैं। इनमें यही समानता है।

    मॉडर्न कोलकाता का कोचर परिवार से कोई संबंध नहीं है और यह प्रामाणिक कंपनी लगती है। यह नियमित रूप से अपना रिटर्न दाखिल करती है और पूरी तरह सही लगती है। उधर, मॉडर्न दिल्ली कंपनी की नींव अंजली गर्ग और कमल गर्ग ने 19 मई, 1988 को डाली थी, जिसकी अधिकृत पूंजी 1,000 रुपये थी और इसके पंजीकरण कार्यालय का पता बी-33 एसएफएस हाउस शेखसराय-1 दिल्ली-110017 है।

    वित्त वर्ष 2003-04 में मॉडर्न दिल्ली जांच के घेरे में आई, क्योंकि कंपनी ने 7,680 रुपये का नुकसान दिखाया था। आरओसी (रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज) के दस्तावेजों में बताया गया है कि राजीव कोचर कम शेयर के साथ कंपनी में दाखिल हुए और एक अक्टूबर, 1994 को इसके निदेशक बन गए।

    कंपनी में अधिकांश हिस्सेदारी क्रेडेंशियल होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के पास थी। यह कंपनी आठ सितंबर, 1994 को राजीव कोचर के बड़े भाई दीपक कोचर ने 200 रुपये के साथ शुरू की थी।

    यहीं से चंदा कोचर के देवर राजीव कोचर अचानक प्रकट होते हैं।

    कालक्रम में मॉडर्न दिल्ली की अधिकृत पूंजी में जोरदार इजाफा होता है और यह एक लाख रुपये से बढ़कर चार अक्टूबर, 1995 को 1.55 करोड़ रुपये हो जाती है। लेकिन कंपनी की भुगतान पूंजी 2003-04 और 2004-05 में दाखिल रिटर्न में 1.78 करोड़ रुपये दिखाई गई है।

    आरओसी के अनुसार, नोटंबदी के बाद की गई सख्ती के कारण बंद हुई 24,945 कंपनियों में इसकी क्रम संख्या 13,422 है।

    अब वीडियोकॉन से संबंध की बात करें तो कंपनी ने 2022-04 में दाखिल रिटर्न में 1.05 करोड़ रुपये का असुरक्षित कर्ज दिखाया है। इसके बाद कंपनी ने कहा कि वीडियोकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के 48,000 शेयर खरीदकर इसने 56.17 लाख रुपये का निवेश किया।

    सीएफएल-1 में मॉडर्न फैशंस के 1,20,000 शेयर थे, जबकि सीएफएल-2 में इसके 3,74,300 शेयर थे।

    रोचक तथ्य यह है कि फॉर्म-18 से भी जाहिर है कि कंपनी का पता कैसे बदला है। पहले का पता 33-एसएफएस फ्लैट्स पॉकेट-बी, शेखसराय, नई दिल्ली-17 था, जो बाद में 20 मार्च, 2006 से बदलकर यूबी-5 अरुणाचल भवन, बाराखंबा रोड, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली हो गया है।

    बाराखंबा रोड स्थित पते पर जाने पर स्पष्ट होता है सूटकेस कंपनी ने सिर्फ हेराफेरी के लिए यह पता गढ़ा है, और असलियत में यह विद्यमान नहीं है।

    इसके अलावा फार्म-18 की फिजिकल कॉपी और ऑनलाइन कापी का भी पता अलग-अलग है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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