केंद्र सरकार ने 16 मई से यह अनिवार्य कर दिया है कि MGNREGS के तहत श्रमिकों की उपस्थिति रजिस्टर में अंकित उपस्थिति के बजाय टाइम-स्टैम्प और जियो-टैग वाली तस्वीरों के साथ एक मोबाइल Application के माध्यम से दर्ज की जाए। यह नयी व्यवस्था किसी भी गड़बड़ी की जांच करेगा और अधिक पारदर्शिता लाएगा।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत लगभग 15 करोड़ सक्रिय श्रमिक हैं। 2022-23 के केंद्रीय बजट में कार्यक्रम के लिए लगभग 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
केंद्र ने 13 मई को राज्य सरकारों को पत्र लिखा – ‘उन सभी कार्यस्थलों के लिए मैनुअल उपस्थिति को बंद करने का निर्णय लिया गया है जहां 20 या अधिक लाभार्थियों के लिए मस्टर रोल जारी किए जाते हैं। 16 मई 2022 से सभी कार्यस्थलों के लिए जहां 20 या अधिक लाभार्थियों के लिए मस्टर रोल जारी किए जाते हैं केवल राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (NMMS) App के माध्यम से उपस्थिति दर्ज किया जायेगा।’
केंद्र ने कहा कि App में एक दिन में श्रमिकों की दो टाइम-स्टैम्प्ड और जियो-टैग की गई तस्वीरें लेना शामिल है।
इससे श्रमिकों की किसी भी फर्जी उपस्थिति को रोकने की भी उम्मीद है हालांकि रजिस्टरों में नकली प्रविष्टियां और काम पर केवल वास्तविक लोगों को भुगतान किया जाता है और उपस्थिति वास्तविक समय में दर्ज की जाती है। ऐसी भी चिंताएं थीं कि भौतिक रजिस्टर प्रणाली में हेराफेरी की जा सकती है जिससे मनरेगा निधि की चोरी हो सकती है। कई राज्यों ने केंद्र को खामी के बारे में भी बताया था जिसने App के निर्माण को आगे बढ़ाया।
NMMS App को केंद्र द्वारा 21 मई 2021 को रोल आउट किया गया था लेकिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोध पर App के उपयोग को अब तक voluntary रखा गया था।
इस साल 22 मार्च को राज्यों के साथ एक शीर्ष-स्तरीय बैठक में आवेदन के अनुभव की समीक्षा की गई थी और उस परामर्श के आधार पर, NMMS App को अब अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया गया है।