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    गौरी लंकेश

    गौरी लंकेश की हत्या के बाद नेताओं की बयानबाजी जारी है। केरल की एक कट्टर हिन्दू नेता ने आज पत्रकारों को धमकी देते हुए कहा है कि, ‘जैसा गौरी लंकेश के साथ हुआ है, वैसा आपके साथ भी हो सकता है।’

    केरल की नेता के पी ससिकला अपने भड़काऊ भाषणों के लिए जानी जाती है। केरल की एर्नाकुलम जिले में एक कार्यक्रम के दौरान ससिकला ने कहा कि ‘जो पत्रकार ऐसा लिखते हैं, उन्हें शिवजी के मंदिर में पूजा करनी चाहिए जिससे वे मौत से बच सकें। वर्ना उनके साथ भी ऐसा हो सकता है।’

    ससिकला के भाषण का चारों और लोगों ने खंडन किया है। केरल की मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा, ‘धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बाटना बहुत ही दुःख दायक है। दुर्भाग्यवश ऐसा केरल में भी हो रहा है।’

    इसके अलावा सोशल मीडिया पर लोगों ने इस भाषण की जमकर धज्जियाँ उड़ाई हैं। विपक्षी नेता रमेश चेन्निथला ने सरकार से अपील की है कि ससिकला को इस मामले में गिरफ्तार करना चाहिए और लोगों को भड़काने के जुर्म में मुक़दमा चलाना चाहिए।

    इसके अलावा ससिकला ने अपने भाषण में आरएसएस का बचाव करते हुए कहा है कि, ‘एक और अंत हुआ है, और इस बार कर्णाटक में। चारों और लोग कह रहे हैं, कि यदि किसी दानव का अंत होता है, तो इसमें संघ (आरएसएस) का हाथ होता है। हर घटना में सारे आरोप संघ पर लगाए जाते हैं। गौरी लंकेश का भी ऐसा ही एक मामला है।’

    विपक्ष और पत्रकारों को निशाना बनाते हुए ससिकला ने कहा, ‘आरएसएस की बढ़ती लोकप्रियता इन लोगों से सहन नहीं हो रही है। संघ को ऐसी हत्या करने की कोई आवश्यकता है। इसके लिए कांग्रेस को दोषी ठहराना होगा। मैं सभी धर्म निरपेक्ष पत्रकारों को कहूँगी कि यदि आपको जीना है, तो आप अपने पास के शिव मंदिर जाएँ एवं मौत से बचने के लिए हवन करें।’

    इसके बाद ससिकला ने आरएसएस का बचाव करते हुए कहा कि यदि आरएसएस ऐसा करना चाहती तो देश में कोई पत्रकार जिन्दा नहीं बचता। उनके मुताबिक संघ की आलोचना ही इसकी मजबूती है।

    जनता में बढ़ते आक्रोश को देखकर हांलांकि ससिकला ने बाद में अपने बचाव में कहा कि अपने भाषण के जरिये वे सिर्फ कर्णाटक की सरकार की और इशारा कर रही थी। उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार गिरने वाली है। ऐसे में सरकार बचने के लिए उन्हें ऐसी हत्याओं की जरूरत है।’

    देश में ससिकला जैसे लोगों की वजह से ही लोगों में आक्रोश की भावना जागती है। बड़े नेताओं को भाषण देने से पहले लोगों पर उसका होने वाले प्रभाव के बारे में सोचना चाहिए। धर्म और जाति ऐसे विषय हैं, जिनमे एक कथन से लाखों लोगों को भड़काया जा सकता है। ऐसे में सरकार को कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए ऐसे लोगों पर सख्त कार्यवाई करनी चाहिए।

    दूसरी और अगर हम गौरी लंकेश की हत्या की बात करें, तो पुलिस को जल्द ही इस मामले की जांच पूरी करनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। देश में मीडिया में बढ़ते डर को देखते हुए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। किसी भी लोकतंत्र में जनता की आवाज ही सर्वोपरि होती है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।