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    साल 2019 खत्म होने से पहले गौतमबुद्ध नगर की पुलिस ने 30 दिसंबर को एक साथ 127 कुख्यात बदमाशों पर शिकंजा कस दिया। जिन बदमाशों और गिरोहों पर शिकंजा कसा गया है, उनमें सुंदर भाटी, अनिल दुजाना और रणदीप भाटी गैंग और उनके शार्प शूटर्स शामिल हैं।

    गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी बी. एन. सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने मंगलवार को आईएएनएस को उपलब्ध कराए गए एक संयुक्त बयान में यह जानकारी दी है। माना जा रहा है कि साल 2019 में जिले में अपराधियों के खिलाफ अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। जिला पुलिस और स्थानीय प्रशासन के इस कदम से जेलों में बंद और जेल से बाहर अपनी जान बचाने को इधर-उधर छिपे बदमाशों को ठिठुरती ठंड में भी पसीना आ रहा है।

    जिला पुलिस मुख्यालय के एक सूत्र के मुताबिक, “पुलिस की इस कार्रवाई से जेल के बाहर मौजूद बदमाशों के होश फाख्ता हो गए हैं, क्योंकि जिला पुलिस इन बदमाशों की तलाश कर उन्हें ठिकाने लगाने की हर संभव कोशिश में भी जुट गई है।”

    जिला पुलिस के पास लंबे समय से पुख्ता खबरें आ रही थीं कि सुंदर भाटी, अनिल दुजाना और रणदीप भाटी गैंग जेल के अंदर और बाहर से ही आपराधिक गतिविधियों का संचालन करने में जुटे हैं। इसी के चलते इन बदमाशों पर इस तरह की कार्रवाई की गई।

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) वैभव कृष्ण ने आईएएनएस से कहा, “जिला पुलिस ने वक्त-वक्त पर यूं तो तमाम कुख्यात अपराधियों को काबू किया था। इसके बाद भी कुछ बदमाश पुलिस से दूर भागते-बचते फिर रहे थे। इनमें से ज्यादातर ठेके पर हत्याएं और जबरन धन वसूली का काम करने में जुटे हुए हैं। अभी तक इन पर गैंगस्टर ही लगाया है। आने वाले वक्त में इनकी संपत्तियां भी जब्त की जाएंगी। जब तक इनमें सख्त कानूनी कार्रवाई का डर नहीं होगा, ये आमजन और पुलिस के लिए सिरदर्द बने रहेंगे।”

    एसएसपी वैभव कृष्ण के मुताबिक, “सुंदर भाटी सहित उसके गैंग के 54, जबकि रणदीप भाटी गैंग के 40 बदमाशों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा साइट-5, दादरी कोतवाली और कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना व उसके 32 साथियों के खिलाफ बादलपुर कोतवाली में गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की गई, जोकि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इन गिरोह के साथ एक सिपाही के भी शामिल होने की पुख्ता खबरें मिली थीं। सतबीर नामक सिपाही जेल में बंद कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी गैंग का सदस्य है।”

    आईएएनएस के एक सवाल के जबाब में एसएसपी ने माना, “ये गिरोह ट्रांसपोर्ट ठेकों से लेकर पार्किं ग ठेकों और टोल के ठेकों में भी हस्तक्षेप करते रहे हैं। पानी और कंक्रीट सप्लाई वालों से वसूली करना भी इन गिरोहों का काला कारोबार रहा है। इसलिए इन सबको काबू करना बेहद जरूरी था। जिन पर गैंगस्टर लगाया गया उनमें से ज्यादातर बदमाश जेलों में बंद हैं।

    वे जेल के अंदर बैठे-बैठे ही बाहर मौजूद अपने साथी बदमाशों और शार्प शूटर्स के बलबूते बदमाशी और अवैध वसूली का धंधा जमाए हुए थे। इनके खिलाफ पीड़ितों की बोलने की हिम्मत नहीं होती थी। ऐसे में पुलिस और जिला प्रशासन ने खुद ही पहल कर इन सबको काबू रखने के लिए कदम उठाए हैं।”

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