गोविंदा ने अपनी फ़िल्म ‘रंगीला राजा’ के कई सीन्स काट दिए जाने पर कहा है कि फ़िल्म इंडस्ट्री में एक ऐसा समूह है जो उनकी फ़िल्म को रिलीज़ नहीं होने देना चाहता है।
शनिवार की शाम को हुए एक प्रेस कांफ्रेंस में गोविंदा ने कहा कि, “ऐसा मेरे साथ पिछले 9 सालों से हो रहा है कि कुछ लोगों का समूह मेरे विरोध में है और मेरी फिल्मों को रिलीज़ नहीं होने देना चाहता है। इस वजह से या तो मेरी फ़िल्में रिलीज़ नहीं हो पा रहीं हैं या फिर उनके लिए थिएटर नहीं मिल रहा है।
मेरी फ़िल्म ‘फ्राइडे’ कुछ हफ़्ते पहले रिलीज़ हुई थी जिसने अच्छी प्रतिक्रिया हासिल की थी पर उन लोगों ने मेरी फ़िल्म को थिएटर से बाहर निकलवा दिया।”
गोविंदा ने किसी का नाम न लेते हुए अपनी बाते कहीं हैं। गोविंदा ने पहलाज निहलानी की फ़िल्म ‘इल्जाम’ से बॉलीवुड में कदम रखा था और उनकी फिल्मों ‘शोला और शबनम’ और ‘आँखे’ में भी काम किया है और दोनों फ़िल्में सुपरहिट रहीं हैं।
गोविंदा ने कहा कि,”हमारी फ़िल्म इंडस्ट्री कभी भी ऐसी नहीं थी। अब तो ऐसा लग रहा है मानों हम लोग किसी और ही दुनिया में में रह रहे हैं। अगर किसी ने मेरा सहयोग किया होता तो कभी भी मेरे सामने परेशानी नहीं आती। आज कोई भी मेरा सहयोगी नहीं है। कोई भी प्रोड्यूसर मेरे साथ काम नहीं कर रहा है और जब निहलानी मेरे साथ काम कर रहे हैं तो लोग उनसे पूछते हैं कि तुम गोविंदा के साथ काम क्यों कर रहे हो।”
निहलानी के अनुसार उनकी फ़िल्म ‘रंगीला राजा‘ एक पारिवारिक फ़िल्म है और उनकी समझ में यह बात नहीं आई कि फ़िल्म के इतने सीन्स क्यों काट दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि,”मैंने अ/व प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था पर मुझे व प्रमाणपत्र दिया गया है।
मेरी फ़िल्म में कोई चुम्बन का दृश्य तक नहीं है। यह एक मनोरंजक फ़िल्म है। प्रोड्यूसर को जब फ़िल्म का प्रमाणपत्र पाने के लिए इंतज़ार करना पड़ता है तो फ़िल्म के रिलीज़ में देरी तो होती ही है साथ ही उन्हें आर्थिक नुक्सान भी उठाना पड़ता है।”
निहलानी सी बी एफ सी के अध्यक्ष प्रसून जोशी को दोषी मानते हैं। निहलानी ने कहा कि,”उसने आमिर की फ़िल्म ‘ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान’ तो देखी पर उसने मेरी फ़िल्म नहीं देखी और जब उसने बाद में देखी भी तो फ़िल्म के सीन्स अनावश्यक रूप से हटा दीए।
यह दिशा निर्देशों के खिलाफ़ है। मैं नहीं जानता कि पूरा फ़िल्म जगत इस बात पर ख़ामोश क्यों है। वह ऑफिस नहीं जाता। वह प्रोड्यूसर को ताज होटल में बुलाता है और उन्हें प्रमाणपत्र देने के लिए 4 घंटे इंतज़ार करवाता है।”
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद रहे वकील अशोक सरावगी ने कहा है कि हम सी बे एफ सी द्वारा काटे गए सीन्स मीडिया को देने के लिए तैयार हैं ताकि सब लोग हमारी बात समझ सके। फ़िल्म के प्रोड्यूसर ने सी बी एफ सी के खिलाफ़ हाई कोर्ट में अर्ज़ी दी है।