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    देश भर में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि राज्य में शायद एनआरसी की बिल्कुल जरूरत नहीं पड़े।

    रविवार को उत्तरी गोवा जिले में एक समारोह के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए सावंत ने यह भी कहा कि गोवा के निवासियों को सीएए से डरने की जरूरत नहीं है, यहां तक कि कांग्रेस ने गोवा में भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार पर गोवा के हजारों पुर्तगाली पासपोर्ट धारकों और उनके परिवारों के लोगों की किस्मत अधर में डालने का आरोप लगाया है।

    यह पूछे जाने पर कि क्या एनआरसी गोवा में लागू किया जाएगा, मुख्यमंत्री ने कहा कि “शायद इसकी बिल्कुल जरूरत नहीं पड़े।”

    जब सावंत से हाल ही में सामान्य राज्य सरकार के गजट नोटिफिकेशन के बारे में सवाल किया गया था, जो कहता है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर जिसे एनआरसी के कार्यान्वयन को अंजाम देने की एक प्रक्रिया के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, को अपडेट करने की प्रक्रिया अप्रैल 2020 से शुरू होगी, तो गोवा के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह गजट की अधिसूचना पढ़ने के बाद ही इस पर बयान देंगे।

    उन्होंने कहा, “मैं कोई बयान नहीं दे रहा हूं ..मैं नई अधिसूचना अच्छी तरह से पढूंगा और फिर बयान दूंगा।”

    मुख्यमंत्री ने हालांकि कहा कि सीएए का गोवा के निवासियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यदि पुर्तगाली पासपोर्ट धारक भारतीय नागरिकता में अपनी मौजूदा नागरिकता को ‘परिवर्तित’ करना चाहते हैं, तो इसके लिए मौजूदा प्रक्रियाएं हैं।

    उनका आश्वासन ऐसे समय में आया है जब एनआरसी और सीएए के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

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