गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर नयी दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं, और मुख्यमंत्री के गौर मौजूदगी में बीजेपी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की तलाश में हैं। जोकि मनोहर पर्रीकर के स्वस्थ होने तक गोवा सरकार का कामकाज संभाल सकें।
इसी बीच गोवा विधानसभा में कांग्रेस के सभी विधायकों ने कांग्रेस संसदीय दल के नेता चंद्रकांत कावलेकर के साथ मिलकर बहुमत का दावा पेश किया हैं। गोवा में भाजपा के नेतृत्व में गठबंधन वाली सरकार हैं।
गोवा विधानसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस संसदीय दल के नेता चंद्रकांत कावलेकर और अन्य 15 विधायकों ने राजभवन जाकर राज्यपाल मृदुला सिन्हा के कार्यालय में पत्र सोंपा। पत्र के अनुसार, कांग्रेस पार्टी के सरकार बनाने योग्य संख्या हैं, सरकार के गठन के लिए कांग्रेस पार्टी तैयार हैं।
उन्होंने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से विनती की के वे बीजेपी सरकार के दबाव में आकर, विधानसभा को कार्यकाल समाप्त होने से पहले भंग न करें। ऐसी परिस्थिति में विधानसभा भंग करने के बजाय उन्हें(कांग्रेस पार्टी) को सरकार गठन के लिए आमंत्रित किए जाना चाहिए।
गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, गोवा से बाहर हैं। वे मंगलवार को गोवा लौटेंगी।
नेता विपक्ष चंद्रकांत कावलेकर “हमने राज्यपाल के कार्यालय को सोंपे पत्र में कहा हैं की, सरकार को भंग कर, राज्य में फिरसे चुनाव न कराए जाएँ। हमने राज्यपाल महोदया से विनंती की हैं की वे विधानसभा को भंग करके, राष्ट्रपति शासन लागू न करें। जनता ने हमें पांच साल के कार्यकाल के लिए चुना हैं, चुनाव होने के सिर्फ 18 महीनों बाद फिरसे चुनाव कराए जाना किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा।”
कांग्रेस पार्टी की ओर से सरकार के गठन के लिए दावा ऐसी परिस्थितियों में किया जा रहा हैं। जब बीजेपी के कई वरिष्ट नेता राज्य में बीजेपी और अन्य सहयोगी दलों के नेताओं के साथ बैठके कर, पर्यायी मुख्यमंत्री के विषय में चर्चा कर रहे हैं।
आपको बतादे, गोवा विधानसभा में कांग्रेस सबसे बड़ा राजनीतिक दल हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी के 14 विधायक हैं और बीजेपी के सहयोगी दलों के 10 विधायकों का उन्हें समर्थन हैं।