राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को गोरखपुर में कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर को अगले 15 सालों में ज्ञान के शहर के रूप विकसित करना चाहिए क्योंकि यहाँ देश का सबसे ज्यादा मानव संसाधन है।
राष्ट्रपति महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के स्थापना समारोह के समापन कार्यक्रम मुख्य अतिथि बन कर शामिल होने गोरखपुर पहुंचे थे। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक घर है। 2032 में परिषद् का शताब्दी वर्ष होगा तब तक गोरखपुर को ज्ञान के शहर के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में देश में सबसे ज्यादा युवाओं की संख्या है और राज्य सरकार को नई नीतियों के जरिये उन्हें ‘नौकरी निर्माता’ बनने करनी चाहिए ताकि वो दुसरे प्रदेशों के युवाओं को नौकरी दे सकें।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य एक अच्छा इंसान विकसित करना है और शिक्षा की गुणवत्ता देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। नाथ संप्रदाय के परमहंस, सूफी संत रोशन अली शाह, बाबा राघव दास, मुंशी प्रेमचंद, राम प्रसाद बिस्मिल और फिराक गोरखपुरी जैसे क्षेत्र के महान लोगों को याद करते हुए राष्ट्रपति ने छात्रों को राजपूत योद्धा महाराणा प्रताप के मार्ग का पालन करने के लिए कहा जो राजस्थान के मेवार क्षेत्र से आते थे।
उन्होंने समाज के प्रति और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शिक्षा और योगदान के क्षेत्र में नाथ संप्रदाय के संतों के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार गोरखनाथ मंदिर का दौरा किया है जब आदित्यनाथ के के गुरु महंत अवैद्यनाथ मठ के महंत हुआ करते थे।
समारोह में शामिल होने से पहले राष्ट्रपति गोरखनाथ मंदिर भी गए और गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन किये। उसके बाद उन्होंने महंथ दिग्विजय नाथ और महंत अवैद्यनाथ के समाधि स्थल पर भी सिर झुकाया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस दौरान उनके साथ मौजूद रहे।