Sat. Nov 23rd, 2024
    योगी आदित्यनाथ गोरखपुर

    गोरखपुर में हुए बालहत्या मामले ने प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। पिछले एक हफ्ते में करीबन 64 बच्चों की जान चली गयी है। इस मामले में देश भर के हर कोने से प्रतिक्रियाएं आ रही है। जहाँ विपक्षी दलों ने योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है, वहीँ कई लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। इसके बाद योगी सरकार ने भी मामले की जांच कर अपनी सफाई दी है। मामले की जांच के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़े भावुक मन से इस हादसे पर अपना शौक जताया। मुख्यमंत्री ने इस बीमारी से लड़ने के लिए एक विशेष डॉक्टरों की टीम का गठन करने के आदेश दिए हैं।

    हादसे के बाद योगी आदित्यनाथ ने एक भावुक बयान देते हुए बच्चों की मौत पर अपना शौक जताया। योगी ने कहा, ‘इस मुद्दे पर मुझसे अधिक संवेदनशील और कौन हो सकता है। मैंने इस मुद्दे को सड़क से संसद तक उठाया है। इस बीमारी की पीड़ा मुझसे ज्यादा और कौन समझेगा।’ मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के 35 जिलों में 90 लाख से ज्यादा बच्चों के टीकाकरण का सघन अभियान शुरू किया गया है। योगी के अनुसार मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज का यह उनका चौथा दौरा है।

    इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने इस गंभीर लड़ाई से लड़ने के लिए विशेष कदम उठाएं हैं। इस मस्तिष्क ज्वर से हर साल पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई बच्चों की जाने जाती हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री ने एक छेत्रिय वायरस अनुसन्धान केंद्र बनाने के निर्देश दिए हैं जिसमे इस बीमारी का तोड़ निकाला जा सके। योगी के अनुसार, ‘पूर्वी उत्तर प्रदेश की बनावट ऐसी है कि हम संचारी रोगों से लड़ाई को तब तक नहीं जीत सकते जब तक यहां पूर्णकालिक वायरस रिसर्च सेंटर नहीं बन जाता।’ इस नए वायरस अनुसन्धान केंद्र के लिए सरकार ने 85 करोड़ रूपए देने की बात भी की है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।