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    ‘मर्दानी 2’ के निर्देशक गोपी पुथरण ने स्पष्ट कह दिया है कि फिल्म के लिए राजस्थान के कोटा शहर का इस्तेमाल एक सेटिंग के तौर पर किया गया है, इसमें शहर की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का कोई इरादा नहीं है।

    पिछले हफ्ते फिल्म के ट्रेलर के रिलीज होने के बाद ‘मर्दानी 2’ मुसीबत से घिर गई क्योंकि कोटा के निवासियों ने इस बात पर ऐतराज जताया है कि फिल्म में उनके शहर को खराब ढंग से दिखाया गया है।

    ‘मर्दानी 2’ के लेखक-निर्देशक पुथरण ने कहा, “यह फिल्म एक भयावह सामाजिक मुद्दे और भारत में किशोरों द्वारा अंजाम दिए गए घृणित अपराधों के उत्थान को संबोधित करती है।

    इस तरह की घटनाएं इंसान को झकझोर देती हैं और एक लेखक के तौर पर मैं इस मुद्दे को उठाना चाहता था और आज के भारत व इसके युवाओं के चेहरे की इस भयंकर वास्तविकता पर प्रकाश डालना चाहता था।”

    उन्होंने आगे कहा, “पिछले चार सालों में हमारे देश में ऐसी कई सारी घटनाएं हुईं जिनसे मैं बेहद परेशान हो गया और इन अपराधों की जटिल प्रकृति से हैरान और घबरा गया।”

    पुथरण ने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा, “एक इंसान के तौर पर, इन घटनाओं के बारे में पढ़कर मुझे डर महसूस होता था क्योंकि ये मेरे परिवार और उन लोगों के साथ भी हो सकता है जिन्हें मैं जानता हूं और मैं इन बेनाम, अंजान और कम उम्र के लड़कों द्वारा किए जाने वाले खतरों के प्रति अधिक से अधिक लोगों को अवगत कराना चाहता था।”

    पुथरण का कहना है कि यह फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित है।

    निर्देशक ने कोटा के निवासियों की भावनाओं को चोट पहुंचाने के लिए मांफी मांगी है। पुथरण के मुताबिक, “फिल्म के लिए हमने कोटा का इस्तेमाल महज एक सेटिंग के तौर पर किया है। हमारे कहने का इरादा यह बिल्कुल भी नहीं है कि इस तरह की घटनाएं कोटा में होती हैं, शहर की छवि को धूमिल करने की हमारी कोई मंशा नहीं है।”

    उन्होंने कहा, “अगर इससे शहर के निवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है या अगर इससे वे परेशान हुए हैं, तो हमें इसका अफसोस है। हम समझ सकते हैं कि चूंकि इसके ट्रेलर में कहा गया है कि ‘यह सच्ची घटनाओं से प्रेरित है और फिल्म कोटा की पृष्ठभूमि पर आधारित है तो इससे गलतफहमी पैदा हो सकती है।”‘

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