ओएनजीसी-रिलायंस गैस चोरी मामले में हाल ही में अदालत नें रिलायंस के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद अब हालाँकि सरकार नें साफ़ कर दिया है कि वह इस फैसले को फिर से अदालत में चुनौती देगी।
आपको बता दें कि ओएनजीसी से रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा गैस निकाल लेने का मामला सामने आया था। इस मामले में सरकार नें रिलायंस से 1.5 अरब डॉलर देने की मांग की थी, जिसे एक अदालत नें खारिज कर दिया था। अब हालाँकि सरकार इस फैसले के खिलाफ फिर से लड़ेगी।
इस मामले में विधि मंत्रालय नें अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दर्ज करने की अनुमति दे दी है।
आपको बता दें कि मध्यस्थता अदालत के फैसले के बाद विधि मंत्रालय नें कहा था कि यह फैसला भागीदारी अनुबंध के नियमों और शर्तों के खिलाफ है और इसमें पुख्ता सबूत नहीं हैं।
इसके बाद तेल मंत्रालय नें इस मामले में विधि मंत्रालय से सुझाव माँगा था।
क्या है पूरा मामला?
जाहिर है जुलाई में मध्यस्थता अदालत नें बहुमत से रिलायंस के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसमें अदालत नें कहा था कि रिलायंस अपने क्षेत्र से निकालने वाली किसी भी प्रकार की गैस का उत्पादन और बिक्री कर सकता है। इसके साथ ही रिलायंस उस गैस की भी बिक्री कर सकते है, जो दुसरे क्षेत्र से उसके क्षेत्र में आई हो।
आपको बता दें कि रिलायंस के तेल क्षेत्र से ही लगा हुआ ओएनजीसी का तेल क्षेत्र भी है।
इस मामले में विधि मंत्रालय का मानना है कि मध्यस्थता अदालत ने भागीदारी अनुबंध के नियमों और शर्तों के खिलाफ जाकर फैसला सुनाया है।
मंत्रालय के अनुसार इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती दी जा सकती है।