केंद्र सरकार के ओर 2019 के आम चुनाव से पहले इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में किए गए बदलावों के विषय में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख कर उनके सुझाव मांगे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने ममता बनर्जी, एन चंद्रबाबू नायडू, पिनारायी विजयन, एच डी कुमारस्वामी, वी नारायणस्वामी, इ के पिलानिस्वामी, लाल थान्हावाला, अमरिंदर सिंह, के चन्द्रशेखर राव और पवन चामलिंग को लिखे पत्र में कहा हैं,” इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में केंद्र सरकार के ओर से किए जानेवाले बदलाव चिंताजनक हैं। इन बदलावों से उर्जा संबंधित सभी अधिकार राज्य सरकारों से छीन कर केंद्र सरकार को हस्तांतरित कर दिए जाएँगे। जिससे बिजली के कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी होगी।”
“ऐसा प्रतीत होता हैं की, केंद्र सरकार देश के उर्जा सेक्टर का निजीकरण करना चाहती हैं, जिसका फायदा कुछ चुनिंदा कंपनियों को हो सके। राज्यों से बिजली से जुड़े सभी अधिकार वापिस लेने से केंद्र सरकार निजीकरण का काम आसानी से कर सकती हैं।”
सभी नेताओं से अनुरोध करते हुए की वे यह सुनिश्चित करें की यह अमेंडमेंट संसद में पारित न हों, केजरीवाल ने कहा, “हम सभी को साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए की यह बदलाव संसद से पारित न हों। हमें इस विषय में जनता में जागरूकता फैलानी चाहिए, जिससे उन्हें इस कानून से बढ़नी वाली बिजली की कीमतों के बारें में पता चल सकें।”
“क्योंकि यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, मैं(अरविंद केजरीवाल) चाहता हूँ की मैं आपसे मिलकर इस विषय में चर्चा करूं। अगर आप इस विषय में आपके सुविधा से समय बतादे तो ठीक रहेगा।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के ओर से इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में प्रस्तावित बदलावों को देश के संघीय ढांचे पर हमला करार दिया था। उन्होंने यह दलील दी थी की, यह मामला राज्य सरकार के आधिकारों के अधीन हैं नकी केंद्र सरकार के अधिकारों के अधीन हैं।