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    गेहूं

    नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)| देशभर में गेहूं की सरकारी खरीद चालू रबी विपणन वर्ष (2019-20) में अब तक 337 लाख टन पूरी हुई है, जबकि पिछले साल इस दौरान सरकारी एजेंसियों ने किसानों से 343 लाख टन गेहूं खरीदा था। इस प्रकार पिछले साल के मुकाबले चालू सीजन में गेहूं की सरकारी खरीद 1.74 फीसदी कम हुई है।

    भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की ओर से मंगलवार को मिली जानकारी के अनुसार, चालू सीजन में देशभर में सरकारी एजेंसियों ने अब तक 337 लाख टन गेहूं सीधे किसानों से खरीदा है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 343 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।

    एफसीआई से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में सबसे ज्यादा 129.12 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है, जबकि पिछले साल 126 लाख टन की खरीद हुई थी।

    हरियाणा में सरकारी एजेंसियों ने 93.23 लाख टन गेहूं खरीदा है, जबकि पिछले साल 87 लाख टन खरीदा गया था। मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद 67.25 लाख टन हुई है जबकि पिछले साल प्रदेश में 69.67 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस साल अब तक 33.79 लाख टन गेूहं की खरीद हो पाई है, जबकि पिछले साल इस दौरान 43.58 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी।

    एफसीआई के सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अब तक खरीद चालू है, जबकि अन्य जगहों पर खरीद तकरीबन समाप्त हो चुकी है।

    वहीं, राजस्थान में सरकारी एजेंसियों ने इस साल 13 लाख टन गेहूं खरीदा है जबकि पिछले साल इसी दौरान वहां 14.96 लाख टन की खरीद हुई थी।

    एफसीआई के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में इस साल 41,787 टन, चंडीगढ़ में 12,450 टन, गुजरात में 4650 टन और हिमाचल प्रदेश में 1,000 टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई है।

    केंद्र सरकार ने चालू विपणन वर्ष के लिए गेहूं का न्यनूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,840 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

    केंद्र सरकार ने इस साल देशभर में 357 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले सीजन 2018-19 में सरकारी खरीद एजेंसियों ने देशभर में 357.95 लाख टन गेहूं की खरीद की थी।

    केंद्रीय कृषि सहाकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा फरवरी में जारी दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, इस साल देश में गेहूं का उत्पादन 99.12 करोड़ टन हो सकता है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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