अब जब गुर्जर समुदाय का आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन चौथे दिन में पहुँच गया है, प्रदर्शनकारियों ने राजस्थान की रेल पटरियों को छोड़ने से मना कर दिया है। एक गुर्जर नेता ने धमकी दी है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक कोई भी प्रदर्शन नहीं छोड़ेगा।
गुर्जर नेता किरोरी सिंह बैंसला ने आज कहा-“हम पांच प्रतिशत आरक्षण मिलने के बाद ही जाएँगे। मैं सरकार से ये अनुरोध करना चाहूँगा कि ऐसा कुछ ना करे जिससे राजस्थान के लोग भड़क जाए। लोग मेरे निर्देश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसे शांतिपूर्वक तरीके से निबटा दिया जाये। जितनी जल्दी होगा उतना अच्छा है।”
इव विरोध से हाइवे पर जाम लग गया है और दिल्ली-मुंबई के बीच जाने वाली रेलों पर भी प्रभाव पड़ा है। रविवार को हिंसा बढ़ गयी जब प्रदर्शनकारी धोलपुर के पास पुलिसवालों से लड़ पड़े। आज सिकंदराबाद के पास, उन्होंने आगरा नेशनल हाईवे भी बाधित कर दिया।
राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी सरकार गुर्जरों से बात करने के लिए तैयार है। इसी के साथ ही गहलोत ने प्रदर्शनकारियों द्वारा ट्रेनों को रोके जाने और सड़कों को बाधित किए जाने की भी कड़ी निंदा की है। साथ ही गहलोत ने उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी को ज्ञापन देने का आग्रह किया।
गहलोत ने कहा-“सीएम के रूप में मेरे पिछले कार्यकाल में हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। हमने उनसे बात की और एक प्रतिशत आरक्षण गुर्जर समुदाय को दिया। हमने उन्हें पांच प्रतिशत आरक्षण देने की भी कोशिश की। हालांकि हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। चूँकि इसमें संवैधानिक संसोधन की जरुरत है इसलिए समुदाय केंद्र से आरक्षण के बारे में चर्चा कर सकता है।”
पुलिस के अनुसार, एक अज्ञात पुरुष ने रविवार को आगरा-मोरेना हाईवे को बाधित करते वक़्त हवा में 10 गोलियां चलाई। जब प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके तो पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। इस पत्थरबाजी के दौरान 5 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया गया है। हालाँकि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मोहन लाल लाठेर ने मीडिया को यह बताया है कि हालात को देखते हुए अभी तक किसी भी प्रदर्शनकारी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
रविवार को, हिंसा को देखने के बाद धोलपुर, दौसा, भरतपुर, सवाई माधोपुर और करौली में धारा 144 लागू कर दी गई है
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, रविवार को सेंट्रल-वेस्ट रेलवे के कोटा डिवीज़न में 18 ट्रेनें को रद्द कर दिया गया था। 11 और 13 के बीच, रेलवे ने पहले ही 37 ट्रेनों के रद्द होने की घोषणा कर दी है।