गुजरात की भाजपा सरकार ने मंगलवार को राज्य के करीब 6 लाख लोगों का 625 करोड़ रुपये के बिजली बिल माफ़ करने की घोषणा की।
मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ में किसानों के लोन माफ़ होने के बाद भाजपा ने बिल माफ़ करने का दांव चला है।
गुजरात के उर्जा मंत्रालय के रिपोर्ट के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 6 लाख 22 हज़ार परिवारों पर लगभग 650 करोड़ रुपये का बिजली बिल बाकी था। राज्य के उर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने कहा कि “बकाये की स्थिति में बिजली चोरी बढ़ गई थी जिसके कारण बिजली कनेक्शन काटना पड़ रहा था। बिजली बिल माफ़ होने से उन लोगों को फायदा मिलेगा जो बिजली चोरी के आरोप में गिरफ्तार किये गए हैं और जिनके कनेक्शन कट गए हैं।
इस स्कीम के तहत बकाया के कारण जिनका बिजली कनेक्शन कट चूका है वो मात्र 500 रुपये दे कर कनेक्शन वापस पा सकते हैं। उन्हें बकाया बिल और जुर्माने की राशि देने की आवश्यकता नहीं होगी। ये स्कीम फ़रवरी 2019 तक मानी है।
गुजरात सरकार का ये फैसला राजकोट जिले के जस्दान विधानसभा सीट पर 20 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले आया है। मंत्रालय के अनुसार इस स्कीम से ग्रामीण ख्सेत्रों में रहने वाले किसानो, गरीबों और मध्यमवर्गीय लोगों को फायदा मिलेगा।
अभी हाल ही में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के 24 घंटों के भीतर ही किसानों का 2 लाख रुपये तक का लोन माफ़ करने की घोषणा की गई। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में लोन माफ़ करने का वादा किया था। जिसका उसे विधानसभा चुनाव में फायदा मिला। कांग्रेस ने दोनों राज्यों में भाजपा के 15 सालों के शासन को हटा कर अपनी सरकार बनाई।
गुजरात सरकार के फैसले से लोकसभा चुनाव में उसे फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।