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    दलित गुजरात

    गुजरात और वहां होने वाले विधानसभा चुनाव आज भारत के वर्तमान समय की राजनीति का केंद्र बिंदु बन चूका है। सभी राष्ट्रीय और छेत्रिय संगठनों की निगाहें विधानसभा पर आधारित अपने भविष्य पर टिकी है। इसी बीच खबर आ रही है, कि गुजरात राजनीति की सियासी हवाएं अब कांग्रेस की तरफ बहने लगी है। यदि आसान भाषा में समझा जाए तो दलितों व अन्य पिछड़ा वर्ग का रुझान अब कांग्रेस की तरफ होने लगा है, जो कि गुजरात विधानसभा चुनाव में बड़ा फेर बदल कर सकता है।

    दरअसल, गुजरात में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का नेतृत्व करने वाले अल्पेश ठाकुर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और इसी के बाद अटकले लगाई जा रही है कि दलित वर्ग के नेता जिग्नेश मेवानी भी कांग्रेस में जा सकते है। हाल ही में 3 नवंबर, शुक्रवार दोपहर नवसारी शहर के एक फॉर्महाउस में जिग्नेश मेवानी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिले। इस मुलाकात के बाद जिग्नेश का कहना है कि “ढेड़ वर्ष पहले उना में घटी घटना या उससे पहले से भाजपा के घमंडी रवैये से दलित संगठनों और कार्यकर्ताओं के बीच काफी गुस्सा है।”

    उन्होंने कहा कि ” किसी पार्टी ने तो दलितों की मांग सुनने की इच्छा दर्शाई,अपितु घमंड से चूर बीजेपी मांग तो दूर, बात करना भी आवयशक नहीं समझती है”। जिग्नेश मेवानी ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए यह भी कहाँ कि वे कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे हैं, परन्तु उनकी अधिकतर मांग पर कांग्रेस से सहमति हो गयी है। उनका कहना है कि सभी दलित संगठन व कार्यकर्ता आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने और सत्ता से उखाड़ फेकने की पुरजोर कोशिश करेंगे।

    दलित नेता जिग्नेश मेवानी से मिलने के बाद व उनकी सभी मांगे सुनने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने मीडिया से कहा कि “समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं है, जो गुजरात में खुश हो। चाहे वह जिग्नेश हों, हार्दिक हों या अल्पेश हों। सभी दबे हुए आक्रोश और निराशा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए राहुल ने कहा, “कांग्रेस की सरकार ही लोगों के मन की बात सुनेगी और जनता पर हमारे मन की बात नहीं थोपेगी” ।