गिर सोमनाथ जिले में बसे शहर कोडिनार की विधानसभा सीट गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से एक है। कोडिनार विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। चुनाव दृष्टिकोण से इस शहर को 9 अलग-अलग वार्डों में बाँट दिया गया है।
# | वार्ड संख्या | जनसंख्या | साक्षरता | लिंगानुपात |
1 | वार्ड संख्या- 1 | 5,982 | 71.8% | 958 |
2 | वार्ड संख्या- 2 | 3,912 | 66.7% | 925 |
3 | वार्ड संख्या- 3 | 6,687 | 72% | 960 |
4 | वार्ड संख्या- 4 | 4,675 | 68.9% | 1,016 |
5 | वार्ड संख्या- 5 | 4,233 | 68.9% | 939 |
6 | वार्ड संख्या- 6 | 2,492 | 78.2% | 972 |
7 | वार्ड संख्या- 7 | 3,755 | 75.6% | 965 |
8 | वार्ड संख्या- 8 | 4,711 | 63.1% | 1,002 |
9 | वार्ड संख्या- 9 | 5,045 | 72.8% | 954 |
वार्डों के अनुसार कोडिनार की जनसंख्या का आंकलन
कोडिनार विधानसभा सीट कोडिनार तालुका और ऊना तालुका का प्रतिनिधित्व करती है। 2014 के आंकड़ों के अनुसार इस क्षेत्र में 228 मतदान केंद्र है। 2012 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी के जेठाभाई सोलंकी कोडिनार से विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के मोहनभाई को 8,477 वोटों से हरा दिया था। साक्षरता दर के मामले में यह शहर काफी आगे है यहाँ की साक्षरता दर कुल 80.11 फीसदी है। कोडिनार विधानसभा क्षेत्र में पुरुष साक्षरता दर 85.75 फीसदी है वहीं महिला साक्षरता दर 69.68 फीसदी है।
कुल | पुरुष | महिलाऐं | |
अनुसूचित जाति | 4,521 | 2,339 | 2,182 |
अनुसूचित जनजाति | 186 | 98 | 88 |
कोडिनार में अनुसूचित जाति और जनजाति
2011 की जनगणना से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार इस क्षेत्र की कुल आबादी 41,492 है, जिसमें से 21,111 आबादी पुरुषों की है तथा 20,381 आबादी औरतों की है। यहाँ का लिंगानुपात 965 है। यहाँ पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 4,521 है तथा अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या 186 है।
धर्म | कुल | पुरुष | महिलाऐं | |
हिन्दू | 28,752 | (69.3%) | 14,673 | 14,079 |
मुस्लिम | 12,542 | (30.23%) | 6,339 | 6,203 |
ईसाई | 34 | (0.08%) | 18 | 16 |
सिख | 127 | (0.31%) | 59 | 68 |
बौद्ध | 4 | (0.01%) | 3 | 1 |
जैन | 2 | (0%) | 1 | 1 |
अन्य | 3 | (0.01%) | 1 | 2 |
कोडिनार की धार्मिक जनसंख्या का आंकलन
धार्मिक आधार पर अगर यहाँ की जनसंख्या का विश्लेषण किया जाए तो पाएंगे कि यहाँ की बहुसंख्यक आबादी हिन्दू है तथा बाकी धर्मों के लोग अल्पसंख्यक है। यहाँ पर मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध तथा अन्य सभी धर्मों को मानने वाले लोग भी निवास करते हैं। यह जगह बीजेपी के लिए अपने घर के समान है यहाँ पर बीजेपी 2009 के चुनाव को छोड़कर 1995 से लेकर आज तक कभी नहीं हारी। लेकिन पिछले कुछ समय से क्षेत्र में कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। इसका मुख्य कारण ऊना में हुआ दलित आंदोलन है। 2009 में यहाँ से कांग्रेस जीती थी तथा 2012 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस बहुत मामूली अंतर से चुनाव हारी थी। बता दें कि 2012 में कांग्रेस यहाँ का चुनाव मात्र 6% वोट से हार गयी थी।