नौकरियों में आरक्षण की मांग कर पिछले साल गुजरात की राजनीती में चर्चा में आये हार्दिक पटेल के नाम पर गुजरात विधानसभा चुनाव में मत बटता दिख रहा है। जहा ग्रामीण इलाको में हार्दिक को लेकर युवा पीढ़ी उत्साहित दिख रही है वही शहरी क्षेत्रों में हार्दिक के नाम का असर ना के बराबर है। शहरी क्षेत्र युवा हार्दिक के नाम से ज्यादा उत्साहित नहीं दिख रहे है। मेहसाना, अमरेली, वडोदरा और सूरत जैसे पाटीदार बहुल इलाकों में जहा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की समर्थन की बात कही जा रही है वहीं शहरी क्षेत्र के लोग भाजपा का गुणगान कर रहे है।
वही पाटीदारों और भाजपा का गढ़ रहे मेहसाणा के मेडिकल की दूकान चलाने वाले दीपक पटेल का कहना है कि पाटीदार समुदाय के गरीब लोगो को आरक्षण की बहुत जरुरत है। यह बताने पर कि आरक्षण के लिए संविधान में ऊपरी सीमा 50 फीसदी तय है, ऐसे में कोई सरकार कैसे पाटीदारों को आरक्षण दे सकती है? इस सवाल पर दीपक ने कहा कि कोई ना कोई समाधान तो निकलेगा। अगर चुनावी समय में वह वैसा कुछ नहीं कर पाते है तो आगामी चुनाव में परिणाम भुगतना पड़ेगा।
बता दे कि मेहसाणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह जिला है और गुजरात के उप मुख़्यमंत्री नितिन पटेल का चुनना क्षेत्र भी है। जहा से वह प्रतिनिधित्व करते है। नितिन भाई पटेल को इस बार कांग्रेस के पूर्व सांसद जीवा भाई पटेल का सामना कर रहा है। सूरत में पाटीदार समुदाय के युवा ने कहा कि भले ही अनामत मिले या मिले लेकिन भाई तो भाई का ही फेबर करेगा।
हालाँकि परवेज पटेल और चीराग पटेल जैसे युवा भी है, जिनको आरक्षण की कोई परवाह नहीं है। वडोदरा के चार्टर्ड अकउंटेंट के पद पर स्थापित परवेज पटेल ने कहा कि पाटीदार समुदाय पहले से ही समृद्ध है, इनको किसी आरक्षण की कोई जरुरत नहीं है। समुदाय के अधिक लोगो का अपना व्यवसाय है जो की शिक्षा को तवज्जो नहीं देते है। वे व्यवसाय को ही प्राथमिकता देते है, ऐसे में आरक्षण उन्हें किस काम का है।
सूरत के व्यवसायी चिराग पटेल कहते है कि हमें सुरक्षा चाहिए जो की भारतीय जनता पार्टी मुहैया करा रही है। उन्होंने जीएसटी को लेकर कहा कि हमें काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ा लेकिन सरकार इसमें संसोधन कर कोई ना कोई उपाय निकालेगी। भाजपा को लेकर रोष और नाराजगी के बावजूद परवेज और चिराग जैसे बहुत लोग है जिन्हे यह खौफ है कि कही यह पार्टी हरने के बाद खून खराबा पर न उतर जाए। उन्होंने कांग्रेस को सत्ता की गलियारों से दूर रखने के लिए भाजपा को वोट देने का संकल्प किया है। क्योकिं भाजपा को हरने के बाद वह अपने आप को असुरक्षित महसूस करेंगे।
मेहसाना, सूरत और अमरेली के कई विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा और पाटीदारों में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है। पाटीदारों के साथ कई उप पार्टियां जुड़ी है। जिनमे लेउवा और कदवा का वर्चस्व है। यह दोनों भगवान राम के पुत्र लव और कुश के वंशज मानते है, वैसे देखा जाये तो हार्दिक पटेल कदवा पटेल है। इसलिए हार्दिक उन्हें संगठित करने में कामयाब हुए है। इसके लिए उन्होंने कई ग्रामीण क्षेत्रों में एक कमेटियां बनाई जिसके द्वारा उन्होंने अपनी पकड़ मजबूत की है।
सौराष्ट्र में उत्तर से दक्षिण तक कई सीटों पर पाटीदारों का प्रभाव है और पिछले चुनाव में यहां भाजपा को जबरदस्त बहुमत मिला था। लेकिन इस बार लोगो का समर्थन पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के पक्ष में दिख रहे है।