Wed. May 8th, 2024

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ताउते से प्रभावित गुजरात को तात्काल राहत के लिए 1000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता की घोषणा की है। इसके साथ-साथ पीएम मोदी ने सभी प्रभावित राज्यों में चक्रवात ताउते के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों को दो लाख रुपये तथा घायलों के लिए 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने का भी ऐलान किया।

    बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ताउते से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए बुधवार को गुजरात और केंद्र शासित क्षेत्र दीव के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और फिर एक समीक्षा बैठक भी की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि ताउते चक्रवात से पैदा हुई परिस्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार प्रभावित राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है और राज्य सरकारों द्वारा नुकसान का ब्योरा भेजे जाने के बाद उन्हें भी तत्काल केंद्रीय सहायता मुहैया कराई जाएगी।

    16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा- रुपाणी

    विजय रुपाणी ने मंगलवार को कहा था कि 16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा, 40 हजार से ज्यादा पेड़ और 70 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए जबकि 5951 गांवों में बिजली चली गई। यह राज्य में आया, अब तक का सबसे भयावह चक्रवात बताया जा रहा है। ताउते के कारण सौराष्ट्र से लेकर उत्तरी गुजरात के तट तक भारी बारिश देखने को मिली। कम से कम 46 तालुका में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई जबकि 12 में 150 से 175 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई।

    चक्रवात ताउते दोपहर बाद अहमदाबाद जिले की सीमा से लगते हुए उत्तर की तरफ बढ़ गया। इससे पहले और इस दौरान भी यहां लगातार भारी बारिश हुई जिससे शहर के कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया।

    मारे गए लोगों के परिजनों को मिलेंगे 2-2 लाख

    प्रधानमंत्री ने च्रकवात ताउते से देश के विभिन्न हिस्सों में प्रभावित हुए लोगों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए इस आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेशों दमन और दीव तथा दादर और नागर हवेली में चक्रवात के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपए का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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