केंद्र सरकार के पिछले साल सितंबर में लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन चल रहा है। आज किसान आंदोलन को 129 दिन पूरे हो गए है और यह आंदोलन अभी भी पूरे जोश से जारी है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में भी यह किसान आंदोलन कई महीनों से जारी है। भारतीय किसान संघ नेता राकेश टिकैत केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के विरोध में किसानों को एकजुट करने के लिए 2 दिन गुजरात के दौरे पर है।
टिकैत ने रविवार को गुजरात के बनासकांठा जिले में मां अंबाजी के मंदिर में मत्था टेकने के बाद अपना अभियान शुरू किया। इसके बाद पालनपुर में समूह को संबोधित भी किया| उन्होंने सभा में कहा कि यह कृषि कानून किसानों की मदद के लिए नहीं बल्कि व्यापारियों की जेबे भरने के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसान विरोध स्थलो से तब तक नहीं हटेंगे जब तक उनकी सारी मांगे पूरी नहीं हो जाती। प्रदर्शनकारी किसान अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की कानूनी गारंटी मांग रही है। इसी के साथ में तो तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की भी मांग कर रहे हैं।
इसी बीच राकेश टिकैत ने गुजरात में प्रदर्शन करने की बात कही है। राकेश टिकैत ने सीधे-सीधे शब्दों में धमकी देते हुए गांधीनगर घेरो और रास्ता रोकने की बात कही है। साथ यह भी कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो किसान बैरिकेड्स भी तोड़ देंगे।
“ट्रैक्टरों की मदद से किसान गुजरात में आंदोलन करेंगे और गांधीनगर घेरने और सड़के जाम करने का भी समय आ गया है” राकेश टिकैत ने कहा। टिकैत ने यह दावा किया है कि गुजरात में किसान नाखुश है और कृषि कानूनों को बदलने की मांग करते हैं। गुजरात दौरे के दूसरे दिन टिकत के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में श्रद्धांजलि दी।