गुजरात में किसानो ने अपनी ज़मीन को बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में आने को लेकर प्रदर्शन किया।
किसानो द्वारा जापान की कंपनी जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी को पत्र भेजा गया है, जो इस प्रोजेक्ट के लिए 1.10 लाख करोड़ का लोन दे रही है। उसमे किसानो ने यह कहा है कि जब तक हमारी शर्तो को मंजूर नहीं किया जाता तब तक इस प्रोजेक्ट के लिए पैसो पर रोक लगा दी जाये।
वकील आनंद यागनिक, जो गुजरात हाई कोर्ट के समक्ष पांच याचिकाकर्ताओ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, उन्होंने याचिकाकर्ताओ तथा 1000 और किसान जो खेदुत समाज से हैं उन्हें ले कर जापान की कंपनी को पत्र लिखा है।
उन्होंने अपने पत्र में जापान के एम्बेसडर को लिखा है कि वो गुजरात के किसानो की परेशानी को समझे। पत्र में आरोप लगाया गया है कि इस तरह की सहायता के लिए जेआईसीऐ के दिशानिर्देशो का झूठा उल्लंघन किया जा रहा है, जब तक यह सही नहीं हो जाता तब तक इसे “भारत सरकार को कोई भी किस्त नहीं दी जानी चाहिए।”
इस प्रोजेक्ट से वातावरण को भी काफी नुकसान हो रहा है, जिसकी रिपोर्ट 2010 में ही आ गयी थी। लेकिन इसके बाद भी दिल्ली मुंबई औद्योगिक कोरिडोर तथा एक्सप्रेस राजमार्ग जैसे परियोजनाओ की योजनाये बनाई गयी।
इस प्रोजेक्ट के लिए गुजरात और मुंबई में 1400 हेक्टयेर ज़मीन की ज़रूरत थी, जिसमें से 1120 हेक्टयेर ज़मीन प्राइवेट है।
यह प्रोजेक्ट सितम्बर 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा जापान के राष्ट्रपति शिंजो अबे द्वारा शुरू किया गया था।