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    भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज

    गिलगिट-बाल्टिस्तान जम्मू- कश्मीर का भाग है जिसे पाकिस्तान ने साल 1947 में विभाजन के बाद हड़प लिया था। पाकिस्तान की ख़बरों के मुताबिक इमरान खान सरकार गिलगिट-बाल्टिस्तान को देश का पांचवा प्रांत घोषित करने पर कार्य कर रही है। भारत ने पाकिस्तान के इस फैसले पर विरोध जताया है।

    भारत का विरोध

    भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हमें कई बार बताया है कि समस्त जम्मू-कश्मीर राज्य सदैव भारत का अभिन्न अंग रहेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के समक्ष गिलगिट-बाल्टिस्तान के कानूनी हैसियत को बदलने का कोई आधार नहीं है।

    रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को हथियाई हुए इलाकों को खाली कर देना चाहिए। विभाजन के बाद पाकिस्तान ने गिलगिट-बाल्टिस्तान को अपने अधिकृत कर लिया था हालांकि इस्लामाबाद ने बाद में इसे दो भागों में विभाजित हो गया था, गिलगिट-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर।

    पाकिस्तान की चाल

    ख़बरों के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने इस इलाके को कानूनी मान्यता देने वाले प्रस्ताव को रजामंदी दे दी है। पाकिस्तान के क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान को सिर्फ अपने चार प्रांत चाहिए, पाकिस्तान को कश्मीर नहीं चाहिए।

    पाकिस्तान की अदालत ने हाल ही में सभी प्रान्तों की बराबरी के लिए गिलगिट-बाल्टिस्तान की कानूनी समीक्षा के आदेश दिए थे। पाकिस्तान की सरकार ने इस कार्य के लिए 10 सदस्य समिति का गठन भी कर दिया है। यह समिति गिलगिट-बाल्टिस्तान को देश का पांचवा प्रांत बनाने का तरीका सुझाएगी।

    पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने 32 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कहा कि अगर भारत जम्मू कश्मीर को 370 के अंतगर्त विशेष राज्य कर दर्जा दे सकता है तो पाकिस्तान गिलगिट-बाल्टिस्तान को एक अस्थायी राज्य क्यों नहीं बना सकता है। अदालत ने कहा कि गिलगिट-बाल्टिस्तान के नागरिक पाकिस्तान के हैं और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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