त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा है कि उनकी सरकार ने एक स्कीम शुरू करने का फैसला किया है जिसके अंतर्गत भुखमरी और बेरोजगारी दूर करने के लिए 5000 परिवारों को गाय बांटा जाएगा।
त्रिपुरा प्रदेश कृषक मोर्चा के कार्यकारी समिति की बैठक में बोलते हुए देब ने कहा कि राज्य भर में 5,000 किसानों को गाय खरीदने के लिए बैंक से लोन दिया जाएगा। लोन के ब्याज का भुगतान सरकार करेगी।
बिप्लब देब ने पहले भी युवाओं के लिए रोजगार के साधन के रूप में गायों का पालन करने पर जोर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘बड़े उद्योगों की स्थापना में 2000 लोगों को रोजगार के लिए 10,000 करोड़ रुपये निवेश करना पड़ता है। जबकि 5,000 परिवारों को 10,000 गाय देने से 6 महीने में ही लोग कमाई करना शुरू कर देंगे।’
भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री के हवाले से एक प्रेस वक्तव्य जारी किया और कहा कि इस योजना के लिए गांवों की पहचान करने के का अभियान जल्द शुरू किया जाएगा। इन गांवों के लाभार्थियों को पशुधन प्रदान किया जाएगा। गायों द्वारा उत्पादित दूध की खरीद की जाएगी, और उसके बाद सरकार द्वारा विपणन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री देब ने कहा कि परियोजना दिसंबर में लॉन्च की जाएगी। कार्य शुरू हो चुका है और राज्य कैबिनेट में जल्द ही इस विषय को मंजूरी के लिए उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘यह परियोजना कुछ हद तक राज्य में बेरोजगारी को हल करने में मदद करेगी। यह योजना राज्य में दूध की मांग को पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगी। हम इसके जरिये कुपोषण का मुकाबला करने में सक्षम होंगे।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या को सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा करके हल नहीं किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने वादा किया है कि सरकारी नौकरियां निष्पक्ष तरीके से योग्य लोगों को उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने किसानों को अगले तीन वर्षों में त्रिपुरा को आदर्श राज्य बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में योगदान देने के लिए भी कहा।
अप्रैल में मुख्यमंत्री ने राज्य में स्नातकों को बेरोजगार रहने के बजाये गाय रखने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि ‘हर घर में एक गाय पाला जाना चाहिए। यहां दूध 50 रुपये प्रति लीटर बिकता है। एक स्नातक जो पिछले 10 सालों में रोजगार की खोज कर रहा है, एक गाय रखता तो अब तक उनके बैंक अकॉउंट में 10 लाख रुपये जमा हो चूका होता।