Sat. Nov 23rd, 2024

    लगातार दो महीने से ज्यादा समय से जारी किसान आंदोलन में लगातार राजनीतिक गतिविधियां देखी जा रही हैं। आंदोलन की शुरुआत में किसान नेताओं ने कहा था कि किसी भी राजनेता को किसान आंदोलन का मंच नहीं मिलेगा लेकिन देखा जा रहा है कि लगातार एक के बाद एक विपक्षी पार्टियां किसान आंदोलन में शिरकत कर रही हैं। वहां जाकर सभी अपने अपने विचार और और केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी को व्यक्त कर रहे हैं। हालांकि उन्हें मंच के ऊपर चढ़ने नहीं दिया जा रहा है लेकिन मंच के नीचे खड़े होकर अपना एजेंडा साध ही रहे हैं।

    ऐसे में शिवसेना ने भी एक राजनीतिक दांव खेला है। शिवसेना से पहले आम आदमी पार्टी के नेता भी किसान आंदोलन को पूरी तरह से अपनी राजनीति के लिए भुना चुके हैं।आज सुबह शिवसेना के नेता संजय राउत ने ट्वीट किया। शिवसेना के नेता संजय राउत आज गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने वाले हैं। शिवसेना का भी मत है कि केंद्र सरकार को यह किसान कृषि बिल वापस ले लेना चाहिए। संजय रावत ने ट्वीट कर के लिखा है कि वे आज दोपहर किसान आंदोलन में पहुंचने वाले हैं। वहीं उन्होंने अपने ट्वीट में किसान आंदोलन जिंदाबाद का नारा भी दिया है।

    संजय राउत ने ट्वीट कर जय जवान – जय किसान भी लिखा। उनका यह दौरा पूरी तरह से राजनीतिक है इस बात में कोई दो राय नहीं है। किसानों ने अब घोषणा की है कि वह 6 फरवरी को पूरे देश में 3 घंटे का चक्का जाम करने वाले हैं। इसके बाद विपक्ष केंद्र सरकार को कृषि बिल में नाकामी पर घेर रहा है। संजय राउत ने अपने गाजीपुर दौरे को शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का सुझाव बताया है। शिवसेना ने मांग रखी है कि केंद्र सरकार को किसानों की बात मान लेनी चाहिए।

    हालांकि संजय राऊत के गाजीपुर आने पर सोशल मीडिया पर विरोध देखा जा रहा है। टि्वटर पर यूजर्स लिख रहे हैं कि संजय राउत को यदि यूपी के गाजीपुर बॉर्डर आना है तो वे जरा संभल कर आएं। जनता जानने लगी है कि नेताओं ने इस आंंदोलन को अपनी राजनीति की प्रयोगशाला बना लिया है। किसान आंदोलनों को जारी रहते हुए लगातार दो महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है। बीच में कुछ समय के लिए आंदोलन कमजोर पड़ा था लेकिन फिर यह दोबारा संगठित और मजबूत होता दिख रहा है।

    विपक्ष की हर पार्टी का कहना है कि सरकार को यह बिल वापस ले लेना चाहिए। वही अब केंद्र सरकार इस बिल पर अड़िग हो चुकी है और सरकार ने कहा है कि यह बिल लागू होकर रहेगा। इन्हीं विरोधों के बीच दिल्ली को दंगे जैसी परिस्थिति का सामना करना पड़ा है। वहीं आज हरियाणा, उत्तर प्रदेश बॉर्डर के इलाकों में सरकार को इंटरनेट बंद करना पड़ा है। बहुत से क्षेत्रों में 2 फरवरी शाम 5:00 बजे तक के लिए इंटरनेट पर रोक है। आम जनता को इस आंदोलन के चलते काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शिवसेना के नेताओं का गाजीपुर दौरा भी आंदोलन को और तेज करने में मदद करेगा। किसानों को भी समझना चाहिए कि इस विरोध के चलते देश को सिर्फ और सिर्फ नुकसान हो रहा है।

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