ऐतिहासिक पवित्र शहर येरुशलम को इजराइल अपने राष्ट्र का अंग मानता है और इजराइल की राजधानी बनाना चाहता है। इजराइल की महत्वकांक्षा के कारण आये दिन गाज़ा पट्टी में तनातनी बनी रहती है। बुधवार को गाज़ा पट्टी से दक्षिणी इजराइल पर एक राकेट छोड़ा गया जिसका इजराइल की सेना ने प्रतिकार किया।
इजराइल की सेना ने कहा कि गाज़ा की तरफ से एक और रॉकेट छोड़ा गया जो समुद्र में लैंड हुआ। हालाँकि किसीके हताहत होने की सूचना नहीं है। इन हमलों के कारण बेर्शेबा के स्कूलों को बंद रखा गया और अमेरिका के दौरे पर गए इजराइल के सैन्यप्रमुख आधे में यात्रा छोड़ वापस लौट आये हैं।
बेर्शेबा में पहली बार रॉकेट गिरा था और साल 2014 में इजराइल और ग़ाज़ा के चरमपंथी समूह हमास के मध्य युद्ध में पहला बार रॉकेट इजराइल में जाकर गिरा था। बॉर्डर पर हिंसा के बढ़ने से इजराइल के रक्षा मंत्री ने हमास चरमपंथी समूह को मार गिराने की बात कही थी।
इजराइल के सैन्य विमान हमास पर निशाना साध रहे हैं। गाज़ा सीमा पर किसी हताहत की सूचना नहीं मिली है। हमास बीते छह माह से बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसका मकसद इजराइल-मिस्र के नाकेबंदी को खत्म करना है। इस नाकेँबंदी के कारण हमास समूह क्षेत्र पर अधिकार नहीं कर पा रहा है और गाज़ा में रह रहे 2 मिलियन नागरिकों जीवन को मुश्किल में डाल रखा है। इस नाकेबंदी के कारण गाज़ा में 24 घंटे में सिर्फ मुश्किल से 1 घंटे बिजली आती है, 50 प्रतिशत लोग बेरोजगार है और पीने का पानी अस्वच्छ है।
पिछले हफ्ते फिलिस्तानी नागरिको ने इजराइल की सेना के बेस पर पत्थर, आगजनी टायर, बम और ग्रेनेड फेंके थे। शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान 20 फिलिस्तानियों को गिरफ्तार कर लिया गया था और 7 नागरिकों को मार दिया गया था। इजराइल ने धमकाया कि हिंसा नहीं रुकी तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
मार्च से अब तक 155 फिलिस्तानी नागरिक प्रदर्शन के दौरान मारे गए और इजराइल का एक सैनिक जुलाई में स्नाइपर फायर से मारा गया। इजराइल और हमास के मध्य पिछले एक दशक में तीन युद्ध हुए हैं। हमास समूह नाकाबंदी को कमजोर करने के लिए सीजफायर का उल्लंघन करता रहा है और आरोप पश्चिमी दुश्मन पर मढ़ता रहा है।