इजरायल की सेना ने कहा कि “सैनिकों ने शनिवार तड़के गाजा सीमा पर चार सशस्त्र फिलिस्तीनियों की गोली मारकर हत्या कर दी है, जिनमें से एक ने सैनिकों पर सीमा पार करने और ग्रेनेड फेंकने में कामयाबी हासिल हुई थी।”
मार्च 2018 में फिलिस्तीनियों ने गाजा सीमा पर नियमित रूप से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था, क्योंकि गाजा सीमा पर लगातार झड़पें हो रही थीं। सेना के एक बयान में कहा कि “आतंकवादी एके -47 राइफल, आरपीजी ग्रेनेड लांचर और हैंड ग्रेनेड से लैस थे।”
एक प्रवक्ता ने कहा कि “आतंकवादियों ने हमले को बढ़ा दिया और सैनिकों पर ग्रेनेड फेंका था। इसके बाद सेना ने निरंतर गोलियां चलायीं थी।” इजरायल के सैनिको की कोई हताहत नहीं हुई थी। गाजा सीमा पर फिलिस्तीनी प्रदर्शनों में इजरायल से एक दशक से अधिक पुरानी नाकाबंदी को हटाने की मांग की है।
मार्च 2018 के बाद से गाजा या सीमा क्षेत्र में इजराइल की सेना ने कम से कम 301 फिलिस्तीनी नागरिकों की प्रदर्शनों के दौरान हत्या की है। सात इजरायली भी मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और मिस्र की मध्यस्थता के बाद हाल के महीनों में विरोध प्रदर्शन में तीव्रता से गिरावट आई थी।
संघर्षविराम समझौते के तहत इजरायल ने सीमा पर शान्ति के बदले में अपनी नाकाबंदी को कम करने के लिए कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की थी। छिटपुट हिंसा जारी रही थी।
1 अगस्त को एक फिलिस्तीनी नागरिक ने अपने भाई की मौत का बदला लेने के लिए गाजा से एक राइफल और हथगोले लेकर इजराइल में प्रवेश किया था। इजराइल की सेना ने कहा कि “वह व्यक्ति मारा गया और इसमें तीन इजरायली सैनिक घायल हो गए।”
इजराइल में 17 सितम्बर को चुनावो का दौर शुरू होने वाला है और इसके बाद फिलिस्तीन की किस्मत को भी तय किया जायेगा। बेंजामिन नेतान्याहू चुनावो के दौर के कारण गाजा के विवादस्पद मुद्दे से दूर हटते दीखते हैं। इज़राइल और हमास ने साल 2008 से तीन युद्ध लड़े हैं। फिलिस्तीनियों ने दावत ईद अल-अधा को कुर्बानी दिवस के तौर पर मनाने की योजना बना रखी थी।