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    UNHCR head

    संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने बुधवार को कहा कि “पश्चिमी राष्ट्र नहीं बल्कि विकासशील देश विश्व शरणार्थी संकट का बोझ ढो रहे हैं और जंग व शोषण से विस्थापित हुए रिकॉर्ड 708 लाख लोहो की मेज़बानी कर रहे हैं। यूएन शरणार्थी की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक जबरन विस्थापित लोगो में आधे से ज्यादा बच्चे है और साल 2018 में यह 70 सालो में सबसे अधिक रहा है।

    वैश्विक आंकड़ों के अनुसार 259 लाख शरणार्थी, 413 लाख अपनी सरजमीं से विस्थापित हुए और 35 लाख लोग आश्रय की तलाश कर रहे हैं। इसमें वेनेजुएला से साल 2015 से विदेशों में भागे गए 40 लाख लोग शामिल नहीं है, उन्हें वीजा की जरुरत नहीं होती है और न ही उन्हें मेज़बान देशों में रहने के लिए आश्रय की मांग करनी होती है।

    अगर इसी तरीके से वेनेजुएला से लोग भागते रहे तो इस साल के अंत तक वेनेजुएला का आंकड़ा 50 लाख तक पंहुच जायेगा। यूएन की शरणार्थियों के लिए समिति के उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रान्डी ने कहा कि “अगर वेनेजुएला में राजनितिक तरीके से हालातो का समाधान नहीं निकला तो हम इस शरणार्थी बहाव को बढ़ता हुआ देखेंगे।”

    वेनेजुएला के नागरिक मुख्यतः कोलोम्बिया, पेरू और इक्वेडोर की तरफ जा रहे हैं और यह बीते वर्ष विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शरणार्थी संकट है। इस पहले आठ सालो की जंग में सीरिया के नागरिकों में तुर्की में शरण ली थी।

    ग्रान्डी ने कहा कि “आपको लगता है यूरोप में सबसे अधिक शरणार्थी है, या अमेरिका या ऑस्ट्रेलिया तो नहीं। अधिकतर शरणार्थी जंग से जूझ रहे देश के पडोसी मुल्क में शरण लेते हैं और अफ़सोस अधिक गरीब देशों या मध्य आय वाले ऐसे देश होते हैं। जिस देश में संकट हैं, हमें वहां धयान देने की जरुरत है।”

    रिपोर्ट के अनुसार, दो-तिहाई से अधिक विश्व के शरणार्थी पांच देशों से आये हैं, इसमें सीरिया, अफगानिस्तान, दक्षिणी सूडान, म्यांमार और सोमालिया शामिल है।

    अमेरिका के राष्ट्रपति ने अवैध प्रवास को खत्म करने के लिए मेक्सिको के साथ एक पॉलिसी पर हस्ताक्ष्र किये थे। मध्य अमेरिकी नागरिक हिंसा और शोषण के कारण गुएतमाला, होंडुरस और ेल साल्वाडोर के मार्ग से अमेरिका पहुंच रहे हैं और आश्रय की मांग कर रहे हैं।

    अमेरिका को ऐसे लोगों को निष्पक्षता से सुनना चाहिए और माता-पिता को उनके बच्चों से अलग नहीं करना चाहिए। उनकी एजेंसी इस चुनौती के साथ अमेरिकी विभाग से समझौता करने के लिए तैयार है। साल 2018 में अमेरिका में 254300 लोगो ने आश्रय के लिए आवेदन किया था। अमेरिका को विश्व में सबसे अधिक आश्रय के आवेदन मिले थे।

    ट्रम्प की नीतियों ने यूएन की मुश्किलों को बढ़ा दिए जाने के बाबत उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ अमेरिका के लिए नहीं है बल्कि यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के लिए भी है। यह एकजुटता का संकट है। यह शरणार्थियों और प्रवासियों की एक समस्या से पहचान करता है कि वह किस दिक्कत से भाग रहे हैं।”

    उन्होंने कहा कि “यूरोप में यह मामले राजनीतिक है। यूरोपीय संसद में चुनावो का आयोजन होने वाला है इसलिए मैं अपील करना चाहूंगा कि इस चुनावो आंदोलन को बंद करे। यूरोप पंहुचने वाली संख्या को आराम से आश्रय दिया जा सकता है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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