पाकिस्तान गरीबी से निपटने और जीवन स्तर में सुधार के लिए चीनी मॉडल अपनाएगा। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान हाल ही में चीनी यात्रा पर गए थे। पाकिस्तान आर्थिक विपदा से निपटने के लिए चीन की सहायता चाहता है और बैलआउट पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के दरवाजे पर गए थे।
पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि उनकी सरकार गरीबो को गरीबी से मुक्त करने के लिए एक पैकेज लाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों में 700 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकल है जो बेहद आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चीन से सीखेगा। नकदी की मार झेल रहे पाकिस्तान में इमरान खान ग़रीबी रोधी अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं। सऊदी अरब ने हाल ही में पाकिस्तान को 6 मिलियन डॉलर का राहत पैकेज दिया था।
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान कर्ज के लिए दो अन्य राष्ट्रों के साथ संपर्क में है। पाकिस्तान के आर्थिक सर्वे के मुताबिक देश की 24 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे है। गरीबी, भूख और बेरोजगारी ने पाकिस्तान की जनता के एक बड़े हिस्से को प्रभावित किया था।
पाकिस्तान के कर्ज में डूबने के एक कारण चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की परियोजना को भी माना गया है। इस प्रोजेक्ट में चीन ने पाकिस्तान में काफी निवेश किया है जिसके कारण पाकिस्तान पर कर्ज बढ़ रहा है।
50 मिलियन डॉलर की परियोजना चीन के काशगर को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जाएगा। भारत और चीन के संबंधों के मध्य यह परियोजना रुकावट उत्पन्न कर रही है। इस परियोजना के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरने के कारण भारत इसका विरोध करता रहा है।
बीते अक्टूबर में रेलवे मंत्री शेख राशिद ने चीनी परियोजना में से 2 बिलियन डॉलर काटने का ऐलान किया था। उन्होंने बयान दिया कि पाकिस्तान इतने कर्ज को चुकता नहीं कर सकता है। पाकिस्तान की सरकार के इस परियोजना के खिलाफ होने के कारण चीन से उनकी दूरियां बढ़ गयी थी।