सरकार ने गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) को 255 रूपये से बढ़ाकर 275 रुपये करने का एक अहम फैसला लिया है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) की बैठक में गन्ने का मूल्य 20 रूपये बढ़ाने के कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। ये निर्णय आधिकारिक रूप से अक्टूबर से लागू होगा जब से अगला विपणन वर्ष शुरू होनी वाला हैै।
गौरतलब हो की अभी कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने किसानों के हित में कई खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को डेढ़ गुना बढ़ाने का कदम उठाया था जिस से धान की कीमत लगभग 200 रूपये बढ़ गई है। गन्ना मीलों को किसानों के बकाया जल्द से जल्द भुगतान करने के निर्देश भी दिए गए थे। भारत, ब्राजील के बाद दुनिया में गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और अगले बाजार वर्ष तक इसका उत्पादन दस प्रतिशत बढ़कर साढ़े तीन करोड़ टन होने की उम्मीद है।
खाद्द मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि CCEA यदि गन्ने की रिकवरी दर 10 प्रतिशत से अधिक रहती है तो प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की वृद्धि पर 2.75 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम किसानों को दिया जाएगा।
क्या है सीसीईए और सीएसीपी?
आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCEA) का प्रमुख कार्य लगातार आर्थिक प्रवृत्तियों की समीक्षा करना और साथ ही देश के लिए एक सुसंगठित आर्थिक ढांचा तैयार करना भी है| ये समिति विदेशी निवेश से लेकर अन्य आर्थिक मामलों पर नजर रखती है और महत्वपूर्ण फैसले लेती है।
वहीं 1965 में गठित कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) किसान कल्याण मंत्रालय से जुड़कर काम करने वाली भारत सरकार की विकेन्द्रित संस्था है जो हर वर्ष “प्राइस पॉलिसी रिपोर्ट” के रूप में सरकार से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बदलाव करने के सुझाव देती है।
चुनावी तोहफा?
सरकार द्वारा लगातार किसानों के लिए लुभावने फैसले लिए जाने को चुनावी वर्ष से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। सनद रहे की विपक्ष भी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2014 चुनाव प्रचार के दौरान किसानों के लिए किये गए बड़े-बड़े वादों को लेकर सरकार को घेरती रही है।