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    कल किसान आंदोलन की ट्रैक्टर रैली के बाद आक्रामक हिंसा हुई। इस हिंसा के बाद से दिल्ली के कई इलाके छावनी में तब्दील कर दिए गए हैं। लाल किले के आसपास पुलिस और सुरक्षा बल तैनात हैं। इसके अलावा लाल किला मेट्रो स्टेशन पर आवाजाही पूरी तरह बंद है। दिल्ली में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है।

    कल शाम हिंसा के बाद गृह मंत्री के आवास पर आपात बैठक हुई जिसमें यह तय किया गया कि सीआरपीएफ की 15 कंपनियां दिल्ली में तैनात होंगी। हिंसा करने वालों ने गणतंत्र दिवस परेड में शामिल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की झांकियों को भी क्षति पहुंचाई है। साथ ही उन्होंने तिरंगे झंडे के पोल पर धार्मिक और किसान संगठनों का झंडा लगाकर तिरंगे का अपमान किया है। कल हुए 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं साथ ही एक प्रदर्शनकारी के ट्रैक्टर स्टंट करने के चलते मौत हो गई।

    गृह मंत्री ने आदेश जारी किया है कि लाल किले के आसपास हिंसा करने वाले में शामिल लोगों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तलाशी और उन पर उचित कार्यवाही की जाएगी। अभी तक 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वहीं केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय लाल किले में हुई क्षति का जायजा ले रहा है और नुकसान का आकलन कर रहा है।

    कल की घटना बेहद शर्मनाक रही जिसने पूरे देश को शर्मसार किया। वहीं पाकिस्तान ने भी इस घटना को ट्वीट करते हुए गणतंत्र दिवस को भारत के लोकतंत्र का काला दिन बताया। इस मामले पर सियासत गरमा रही है लेकिन वही शुरुआत में ट्रैक्टर रैली के शांतिपूर्ण होने का आश्वासन देने वाले राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव व अन्य किसान नेता गायब हैं। साथ ही कल भी किसान नेताओं ने यह कहकर इस मामले से पल्ला झाड़ लिया था कि जिन लोगों ने लाल किले पर झंडा फहराया है वे लोग बाहर के शरारती तत्व हैं और उनका आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है।

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