आज देश में धूमधाम से 72वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर राजधानी दिल्ली का राजपथ इलाका भव्य नजारों से सुसज्जित दिखा। जहां एक तरफ आसमान में राफेल ने अपनी शक्ति दिखाई, वहीं जमीन पर विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों की झांकी ने भारत की प्रगति और संस्कृति के दर्शन करवाए। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ध्वजारोहण किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इस समारोह की खास बात यह रही कि सभी लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया। दर्शकों से लेकर झांकी में शामिल कलाकारों तक सभी ने सोशल का पालन किया। प्रधानमंत्री से लेकर दर्शक दीर्घा में बैठे लोंगों तक ने मास्क लगाकर रखा। राजपथ पर राफेल विमानों ने एकलव्य फॉर्मेशन में उड़ान भरी और इसके बाद सुखोई विमानों ने भी अपनी ताकत का एहसास कराया। विभिन्न राज्यों की झांकियों ने दर्शकों का मन मोह लिया और उसके बाद मंत्रालययों की झांकियों ने देश के दिव्यांगों, वैज्ञानिकों, श्रमिकों आदि की मेहनत से देश के विकास को दर्शाया।
राज्यों की झांकियों में सबसे अलग स्थान रहा उत्तर प्रदेश का। उत्तर प्रदेश की झांकी ने राम मंदिर के दर्शन कराए वहीं दिल्ली की झांकी में शाहजहानाबाद पुनर्विकास और लाल किले को दर्शाया गया। इसी बीच पहली बार ऐसा हुआ कि किसी और देश के राष्ट्राध्य्क्ष मुख्य अतिथि के रूप में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं हो पाए।
गणतंत्र दिवस समारोह के लिए सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा गया। दिल्ली के दूसरे इलाकों में किसान आंदोलन व प्रदर्शन के चलते गणतंत्र दिवस समारोह की भव्यता पर कोई आंच ना आए इसकी पूरी तैयारी की गई। हालांकि सुबह से ही इस बात की प्रबल संभावना थी कि आंदोलनकारी इस समारोह की भव्यता को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन दिल्ली पुलिस मौके पर मुस्तैदी से तैनात रही और इस समारोह को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करने होने में अपना योगदान देती रही।