राजनीतिक पार्टियों द्वारा गणतंत्र दिवस की झांकियों को भी राजनीतिक मुद्दा बना दिया गया है। गणतंत्र दिवस की परेड के लिए झांकी भाजपा-शिवसेना के बीच विवाद का नया कारण बन गई है। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार का नेतृत्व कर रहे एक वरिष्ठ शिव सेना नेता ने दावा किया है कि रक्षा मंत्रालय ने राजनीतिक प्रतिशोध के कारण गणतंत्र दिवस परेड से महाराष्ट्र राज्य की झांकी को निकाल दिया है।
इस बारे में शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकियों को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल नहीं किया जा रहा है क्योंकि दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है।
संजय राउत ने कहा कि, “ऐसा नहीं होता है, महाराष्ट्र झांकी गणतंत्र दिवस की परेड में नहीं। यह जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स द्वारा तैयार की जाती है। हमें इसके लिए सबसे अधिक बार पुरस्कार मिला है। इस बार क्या हुआ है कि महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकी शामिल नहीं थी? दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है, क्या यही कारण है? महाराष्ट्र में, महा विकास अघडी सरकार है, क्या यही कारण है?
संजय राउत ने केंद्र सरकार के इस फैसले को महाराष्ट्र के लिए बड़ा अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि, पूरा महाराष्ट्र गणतंत्र दिवस परेड पर झांकी का इंतजार करता है। उन्होंने कहा है कि, मैं महाराष्ट्र सीएम से मामले में जांच की अपील करता हूं।
TMC leader Madan Mitra on 'Central govt rejected proposal of West Bengal tableau for Republic day parade in Delhi': It's not new in the history of Bengal. Delhi is afraid of Bengal. They can cancel the tableau of Bengal in Delhi but Bengal will cancel NRC and CAA in Bengal. pic.twitter.com/Ei9SwIDDa2
— ANI (@ANI) January 2, 2020
दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को खारिज करने पर टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कहा है कि यह बंगाल के इतिहास में यह कोई नई बात नहीं है। दिल्ली को बंगाल से डर लगता है। वे दिल्ली में बंगाल की झांकी रद्द कर सकते हैं, बंगाल में एनआरसी और सीएए को बंगाल रद्द कर देगा।
सरकार ने, हालांकि दोनों पार्टियों के दावे को खारिज कर दिया है और कहा है कि झांकी के चयन में उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था। केंद्र सरकार के अनुसार, विभिन्न राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों से प्राप्त झांकी के प्रस्तावों का मूल्यांकन कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला, कोरियोग्राफी आदि के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्तियों से संबंधित एक विशेषज्ञ समिति की बैठकों की श्रृंखला में किया गया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष हरियाणा, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे भाजपा शासित राज्यों की झांकियों के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया है।
बता दें, गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए, कुल 56 झांकी प्रस्ताव (32 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों और 24 मंत्रालयों / विभागों से) प्राप्त हुए थे। इनमें से 22 प्रस्तावों में 16 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों और 6 मंत्रालयों / विभागों को शामिल किया गया है। जिन्हें पाँच बैठकों की श्रृंखला के बाद गणतंत्र दिवस परेड 2020 में भाग लेने के लिए चुना गया है।