पाकिस्तान की उर्दू मीडिया के मुताबिक भारत द्वारा हवाई हमले के बाद बालाकोट से कई शवों को खैबर पख्तूनवा और पाकिस्तान के आदिवासी क्षेत्रों ले जाया गया है। अमेरिका में रह रहे गिलगिट के कार्यकर्ता ने यह बात कबूल की है। पुलवामा आतंकी हमले का जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकियों के शिविरों पर हमला किया था।
गिलगिट के कार्यकर्ता सेंगे हसनन सेरिंग ने ट्वीट कर कहा कि “पाकिस्तानी मिलिट्री अफसरों ने भारतीय वायुसेना के हवाई हमलों में मारे गए 200 से अधिक चरमपंथियों को शहीद का दर्जा दिया है। अफसर में आतंकी मुजाहिद अल्लाह का विशेष बंदा कहा जो पाक्सितान अधिकृत सरकार के समर्थन में लड़ते हुए शहीद हो गया है। आतंकियों के परिवार को सद्धभावना दे रहे हैं।”
#Pakistan military officer admits to "martyrdom" of more than 200 militants during Indian strike on #Balakot. Calls the terrorists Mujahid who receive special favors/ sustenance from Allah as they fight to support PAK government [against enemies]. Vows to support families pic.twitter.com/yzcCgCEbmu
— #SengeSering ས།ཚ། (@SengeHSering) March 13, 2019
एएनआई से बातचीत करते हुए शेरिंग ने कहा कि “मैं इस वीडियो की प्रमाणिकता के बाबत सुनिश्चित नहीं हूँ, लेकिन पाकिस्तान कुछ महत्वपूर्ण जरूर छिपा रहा है जो बालाकोट में हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया को उस स्थान पर जाने और नुकसान का आंकलन करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।”
उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान निरंतर दावा कर रहा है कि स्ट्राइक हुई थी लेकिन इससे सिर्फ जंगल और कुछ फार्मलैंड को नुकसान हुआ है। लेकिन इससे पाकिस्तान का उस क्षेत्र को इतने लम्बे समय के लिए वर्जित कर देने का कोई तुक नहीं बनता है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को उस स्थान के हालातों पर स्वतंत्र विचार व्यक्त करने के लिए भी अनुमति नहीं मिल रही है।”
कार्यकर्ता ने कहा कि “जैश ए मोहम्मद ने अपने मदरसों की वहां उपस्थिति का दावा किया है। वही उर्दू मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हमले के अगले दिन या कुछ दिनों बाद शवों को बालाकोट से खैबर पख्तूनवा व अन्य आदिवासी इलाकों में ले जाया गया था। किसी के लिए भी यह सबूत पर्यापत है कि भारतीय वायुसेना द्वारा की गयी एयरस्ट्राइक सफल रही और पाकिस्तान के समक्ष कोई सबूत नहीं है इसलिए वह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को बालाकोट जाने की इजाजत देने से कतरा रहा है।”