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    पाकिस्तान के युवा गेंदबाज नसीम शाह का उम्र संबंधी मामला खेल जगत में हास्यास्पद मामला बनता जा रहा है। इसका कारण है कि बीते शुक्रवार को पाकिस्तान के लिए अपना पहला टेस्ट मैच खेलने वाले नसीम की उम्र 16 साल बताई जा रही है लेकिन पाकिस्तानी अखबार ‘ द डॉन’ का एक लेख वायरल हो रहा है जो 2016 का और जिसमें वेस्टइंडीज के पूर्व गेंदबाज ने नसीम की तारीफ करते हुए कहा कि ‘वह सिर्फ 16 साल के हैं।’

    2016 से लेकर 2019 तक नसीम 16 साल के ही हैं। खैर यह उम्र से छेड़छाड़ का मामला है जो खेल जगत में आम बात है। इससे पहले, शाहिद अफरीदी ने अपनी आत्मकथा में कहा था कि डेब्यू करते वक्त उनकी उम्र 16 नहीं बल्कि 19 साल थी। इस तरह के मामले भारत में देखने में आए हैं। आईपीएल से लेकर खेलो इंडिया और एथलेटिक्स से लेकर आईएसएल तक, हर जगह एज फ्रॉड के मामले देखने को मिलते हैं।

    दरअसल, खिलाड़ी उम्र से संबंधी गड़बड़ियां करता है और अपनी उम्र को कम बताता है ताकि वह अलग-अलग आयुवर्ग में लगातार खेल सके। ऐसे कई मामले देखने को मिलते हैं जहां खिलाड़ियों ने अपनी उम्र गलत बताई हो। इसका सबसे बड़ा उदाहरण भी पाकिस्तान से है। सबसे बड़ा इसलिए क्योंकि पाकिस्तानी पूर्व कप्तान ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि उन्होंने अपनी उम्र गलत बताई है।

    शाहिद अफरीदी ने जब अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण किया था तो उनकी उम्र 16 साल की बताई गई थी लेकिन अफरीदी ने अपनी किताब में खुद इस बात को माना है कि पदार्पण के समय वह 19 साल के थे।

    नसीम शाह का केस नया मामला है, क्योंकि आमतौर पर जब उम्र गलत बताई जाती है वो शुरुआती दौर होता है। यह उम्र संबंधी कागजों में छेड़छाड़ कर अपनी उम्र कम करवाते हैें और इसके बाद उसी फर्जी कागज जिस पर गलत उम्र दर्ज है, उसी पर खिलाड़ी खेलता रहता है और उसी कागज पर मौजूद जन्म तिथी के हिसाब से खिलाड़ी की आयु की गणना कि जाती है लेकिन नसीम की उम्र तो घटी है। पाकिस्तानी पत्रकार साजी सादिक ने 2018 में एक ट्वीट किया था जिसमें नसीम की उम्र 18 बताई गई थी, लेकिन 2019 में फिर नसीम 16 साल के हो गए।

    सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं उम्र संबंधी गड़बड़ियों के कई मामले खेल जगत में आसानी से देखे जा सकते हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है।

    भारत ने बीते साल आईसीसी अंडर-19 विश्व कप अपने नाम किया था और इस विश्व कप के फाइनल में बेहतरीन पारी खेलने वाले मनजोत कालरा भी इससे गुजर चुके हैं। दिल्ली पुलिस में मनजोत के खिलाफ शिकायत भी की गई थी जिसमें कहा गया था कि मनजोत की जन्म की तारीख 15 जनवरी, 1999 नहीं 15 जनवरी, 1998 है। इसके लिहाज से मनजोत अंडर-19 विश्व खेलने के योग्य नहीं थे।

    इसी तरह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मुंबई इंडियंस के लिए बीते साल पदार्पण करने वाले रासिक सलीम दार भी इसके भुग्तभोगी हैं। रासिख मुंबई की ओर से आईपीएल खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी थे। उन्होंने 17 साल की उम्र में मुंबई इंडियंस से अपना पहला मैच खेला था और इसी के साथ वह जम्मू एवं कश्मीर से आईपीएल खेलने वाले तीसरे खिलाड़ी बने थे, लेकिन यह युवा तेज गेंदबाज उम्र संबंधी दस्तावेजों से फर्जीवाडा करने के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन्हें प्रतिबंधित कर दिया था।

    वहीं क्रिकेट से इतर कई अन्य खेलों में भी इस तरह के मामले आए हैं। भारत सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेलो इंडिया गेम्स की शुरुआत की और इसमें पांच लाख की स्कॉलरशिप लेने के लिए कई खिलाड़ियों के उम्र संबंधी दस्तावेजों के साथ फर्जीवाडा करने की खबरें आई थीं।

    भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने युवा निसार अहमद को फरवरी-2019 में रायपुर में खेली गई नेशनल यूथ एथलेटिक्स चैम्पियनशिप हिस्सा लेने से वंचित रख उन्हें अयोग्य बता दिया था। इसी चैम्पियनशिप में कुल 41 खिलाड़ी उम्र से छेड़छाड़ करने के चक्कर में अयोग्य घोषित कर दिए गए थे। इनमें आदित्य प्रकाश, आशीष पुनिया, मनप्रीत सिंह, विजय मलिक और श्याम चौधरी के नाम हैं।

    बीसीसीआई ने इस तरह की चीजों से बचने के लिए कई तरह के उपाय लागू किए हैं जिनमें बोन डेनसिटी टेस्ट शामिल है। इस टेस्ट में खिलाड़ी के हड्डी की जांच की जाती है।

    यह कितना प्रभावी होगा यह वक्त ही बताएगा लेकिन मौजूदा समय में इस समस्या से निपटने का यही एक सही रास्ता सामने दिखता है।

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