केंद्र सरकार महिला किसानों के हित में ये बड़ा फैसला लेने जा रही है, जिसके तहत सरकार कृषि योग्य भूमि में परिवार की महिला किसानों का भी नाम दर्ज़ करवाने पर भी विचार कर रही है।
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के अनुसार देश की कुल उपज में महिला किसानों की 18 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। ऐसे में जरूरी है कि महिला किसानों के नाम भी कृषि संबन्धित भूमि के दस्तावेजों में दर्ज़ हों।
कृषि मंत्री ने ये बातें महिला किसान दिवस पर दिये गए अपने भाषण के दौरान कहीं हैं। कृषि मंत्री ने बताया है कि मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्य सरकारों को भी सूचित कर दिया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन के अनुसार महिलाओं का जमीन में हिस्सा न होने के चलते उन्हे पारिवारिक व सामाजिक स्तर पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
गौरतलब है कि एक ओर पुरुष जहां नौकरी की तलाश में खेती को छोड़ कर शहरों का रुख कर लेते हैं, वहीं ग्रामीण आँचल में महिलाएं आज भी वहीं छूट जाती हैं, ऐसे में खेती में नाम भी न दर्ज़ होने की दशा में उन्हे तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
कृषि मंत्री के अनुसार राजस्व एक्ट के अनुसार हम महिलाओं का नाम कृषि भूमि में दर्ज़ करवाने की पहल करेंगे। वर्तमान में देश की कुल 13.7 करोड़ कृषि योग्य भूमि में सिर्फ 2.02 करोड़ भूमि ही महिलाओं के नाम पर दर्ज़ है।
इसी के साथ ही उन्होने बताया है कि केंद्र सरकार कृषि संबन्धित कुल फंड का 30% फंड कृषि से संबन्धित महिलाओं के उत्थान के लिए अलग से रखा गया है। गौरतलब है कि खेती के अलावा भी महिलाएं मुर्गी पालन, मछली पालन व मधुमक्खी पालन जैसे कृषि संबन्धित व्यवसायों में भी सक्रिय हैं।