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    रिलायंस जियो का खुदरा व्यापार

    साल 2018 में मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी रिलायंस जियो रिटेल सेक्टर में हाथ आजमाने के ​अलावा जियो पेमेंट बैंक, कैब सर्विस, सोलर एनर्जी आदि सेक्टर में अपने प्रतिद्वंदियों को पछाड़ती नजर आएगी। आज की तारीख में भारत के बड़े व्यवसायी एक छोटे से क्षेत्र के लिए आपस में जूझते दिखाई दे रहे हैं। आपको बता दें, अमेजन तथा फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां देश के आॅनलाइन खुदरा बाजार पर पूरी तरह से हावी हैं। बावजूद इसके भारत में करीब 650 अरब डॉलर के खुदरा बाजार से ई-कॉमर्स सेक्टर केवल 3-4 फीसदी तक ही रिटेल बिजनेस करता है, जबकि लगभग 8 फीसदी खुदरा बाजार पर बिग बाजार जैसे संगठित विक्रेताओं का कब्जा है।

    2018: रिटेल सेक्टर में होगा मुकेश अंबानी का पदार्पण

    जब से मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी ने टेलिकॉम सेक्टर तथा फोन निर्माण क्षेत्र में कदम रखा है, तब से ना केवल रिचार्ज प्लान सस्ता हुआ है, वरन ई-रिटेलर्स जियो के टेल्को प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए लाइनों में लगे नजर आते हैं।

    ऐसे में रिलायंस जियो अब खुद ई​-रिटेलर्स की दौड़ में सबसे आगे खड़े होने की योजना बना रहा है। इसके लिए रिलायंस जियो साल 2018 में देश के हर शहर में रिटेल स्टोर खोलेगा जिस पर उपभोक्ता आटा-दाल से लेकर लैपटॉप तक खरीद सकेंगे।

    दूरसंचार सेक्टर में जियो के प्रवेश के बाद अन्य कंपनियों का हश्र

    आप को याद दिला दें कि साल 2016 में रिलायंस जियो ने टेलिकॉम सेक्टर में एंट्री ली। इसके बाद से दूरसंचार क्षेत्र में इतनी ज्यादा प्रतिदंविता बढ़ी कि कई आपरेटर्स को अपनी सेवाएं बंद करनी पड़ी तथा कई टेलिकॉम आपरेटर्स ने किसी दूसरी कंपनी में खुद का विलय कर लिया। आज की तारीख में रिलायंस जियो की राजस्व बाजार हिस्सेदारी 15 फीसदी है।

    ऐसे में हम सभी यह अनुमान आसानी से लगा सकते हैं कि ई-रिटेल सेक्टर में आने के बाद अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों तबाही तय है। जिस तरीके से अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट आॅफलाइन रिटेल बिजनेस के खिलाफ अपनी लड़ाई रहे है, रिलायंस जियो के हर शहरों में रिटेल स्टोर्स खुलने के बाद से इन कंपनियों के बीच एक फिर से युद्ध की रेखाएं खिंच जाएंगी।

    ‘जियो’ आॅफलाइन मार्केट से करेगा समझौता

    पश्चिमी देशों में आॅफलाइन मार्केट निश्चित रूप से खत्म होता नजर आ रहा है, लेकिन अभी भारत में आॅफलाइन खुदरा बाजार का भविष्य पूरी तरह से बचा हुआ है। यह बात आसानी से मानी जा सकती है कि भारत के ई-रिटेल सेक्टर के केवल एक कोने को कवर करने में दशकों लग सकता है।

    ऐसे में मुकेश अंबानी ने चतुराई दिखाते हुए फिलहाल परंपरागत खुदरा व्यापारियों से जूझने के बजाय उनसे सहयोग लेने का रास्ता चुना है। रिलायंस जियो साल 2018 में देश के हर शहर में स्थानीय किराना कारोबारियों के जरिए रिलायंस स्टोर खोलने जा रहा है, जहां आटा-दाल से लेकर लैपटॉप तक की बिक्री की जाएगी।

    रिलायंस जियो, मुकेश अंबानी

    ‘जियो’ के पायलट प्रोजेक्ट का संचालन

    रिलायंस जियो मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों में ‘डिजिटल कूपन’ मॉडल में पायलट प्रोजेक्ट चला रहा है। वर्तमान योजना के तहत जियो अपने मोबाइल यजूर्स को ​उनसे संबंधित विशेष ब्रैंड के प्रोडक्ट के लिए डिजिटल कूपन भेजेगा, अब यूजर्स इस डिजिटल कूपन के सहारे इन ब्रैंड्स की खरीददारी पड़ोस के किसी स्टोर से आसानी से कर सकेंगे। यह डिजिटल कूपन उन्ही स्टोर्स पर मान्य होगा जो जियो द्वारा नामांकित होंगे।

    जियो अपने ब्रैंड्स पार्टनर्स को प्रोडक्टस के प्रमोशल आॅफर्स अपने कस्टमर्स को भेजने की अनुमति देगा। जियो के कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि इससे प्रोडक्टस मेकर्स और खुदरा विक्रेताओं के बीच सहज कनेक्टिविटी तो होगी ही साथ में समय पर विशेष आॅफर्स की जानकारी देने के साथ कस्टमर्स में उत्पादों की बिक्री भी ​बढ़ेगी।

    जब अभी ई-कॉमर्स कंपनियां छोटे शहरों तथा गांवों से दूर हैं, रिलायंस जियो देश के करोड़ों उपभोक्ताओं के लिए लाखों किराना स्टोर्स पर अपनी नजर गड़ाए हुए है। पायलट प्रोजेक्ट की रणनीति तेज करने के बाद रिलायंस जियो साल 2018 में अपना रिटेल कारोबार शुरू कर देगा।

    रिटेल सेक्टर पर ‘जियो’ ऐसे करेगा कब्जा

    देश की ई-कॉमर्स कंपनियां आॅनलाइन कारोबार के जरिए रिटेल प्रोडक्ट्स की बिक्री कर रही हैं। इसके ठीक विपरीत अंबानी की रिलायंस जियो आॅफलाइन रिटेल स्टोर्स के जरिए पारंपरिक रिटेल कारोबार के एक बड़े हिस्से पर कब्जा करते हुए ई-कॉमर्स को ध्वस्त कर सकता है।

    आपस में जूझ रही अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों का कारोबार केवल शहरी बाजारों तक ही सीमित है। जबकि देश के सबसे अमीर आदमी अंबानी की नजरे देश के हर आदमी पर टिकी हुई है। संभव है, आने वाले कुछ सालों में अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां रिलायंस जियो स्टोर्स के सामने अपना हथियार डाल दें।

    चूंकि भारत का सबसे बड़ा कारोबारी प्रतिष्ठान रिलायंस जियो रिटेल सेक्टर में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में उसकी रणनीति सबसे अलग हटकर होगी। संभावना व्यक्त की जा रही है कि रिलायंस जियो के रिटेल सेक्टर में आने के बाद से ई-रिटेलर-अमेज़ॅन या फ्लिपकार्ट की चकाचौंध खत्म हो जाएगी।

    …तो कौन होगा रिटेल सेक्टर का बादशाह

    जिस प्रकार से रिलायंस जियो ने टेलिकॉम सेक्टर में घुसते ही अपने सस्ते इंटरनेट डेटा अथवा टैरिफ के बदौलत अपने प्रतिद्वंदियो में हड़कंप मचा दिया, ठीक उसी प्रकार जियो के ‘डिजिटल कूपन’ योजना से रिटेल सेक्टर में भी जीत की वही पुरानी स्थिति बन सकती है।

    लेकिन इस बार विजेता उपभोक्ता अथवा अंबानी ही नहीं वरन् ब्रांड और किराना की दुकानें होंगी। उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2018 में मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो रिटेल सेक्टर से ई-कॉमर्स कंपनियों को दूर कर सकती है।