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    तेलांगना में अधिकतर भारतीय प्रवासी कर रहे खुदखुशी

    निज़ामाबाद जिले के कोत्ताकोरतुला टांडा के 24 वर्षीय किसान गणेश बधावत ने 13 जनवरी को बहरीन में फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली थी। 20 दिन पूर्व ही उसका वैध वीजा जारी हुआ था। वह अपने पीछे अपनी गर्भवती पत्नी और दो साल की बच्ची को छोड़कर गया था। वीजा लगाने वाले एजेंट को दिए पैसे के कारण कर्ज का भार बढ़ता ही जा रहा था और तनाव में आकर गणेश को यह कदम उठाना पड़ा था।

    गणेश के पिता देवी सिंह ने बताया कि “गणेश ने तीन लाख का बकाया कर्ज चुकता नहीं किया था और बकायदारों ने उसकी एक एकड़ जमीन पर कब्ज़ा कर लिया है।” गणेश ने एक एजेंट को 60 हज़ार की रकम अदा की और दिसम्बर में ही वीजा प्राप्त किया था। गणेश 18 दिसम्बर को बहरीन के लिए रवाना हो गया था और वहां तमिलनाडु स्थित एक एजेंसी ने उसे नौकरी दी थी और 18000 प्रतिमाह के वेतन पर उसने सफाईकर्मी की नौकरी शुरू कर दी थी।

    गणेश का मामला को हटकर नहीं है, लाखों लोग अओरवास करते हैं और 10000 से 25000 तक की नौकरियां करते हैं। खाड़ी देशों में रहने का खर्चा बहुत ज्यादा है। तेलांगना उन पांच राज्यों में से शीर्ष पर है, जहां खुदखुशी, कार्यस्थल पर दुर्घटना, सड़क ट्रैफिक जैसे हादसों का शिकार होते हैं। बीते चार वर्षों में 28523 भारतीय नागरिकों की छह खाड़ी देशों में मौत हुई है।

    इनमे से अधिकतर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब, तेलांगना और आंध्रप्रदेश से होते हैं। अधिकतर मृत्यु सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में होती है। हर्ष की खुदखुशी के पीछे कर्ज, एजेंट का धोखा और पारिवारिक मलसे उसकी मृत्यु की वजह थे। साल 2017 के आंकड़ों के मुताबिक 22.53 लाख कर्मचारी खाड़ी में रहते हैं।

    तेलांगना एनआरआई विंग के अधिकारी ई चिट्टी बाबू ने कहा कि “साल 2014 से हमने तक़रीबन 518 शवों को निकालने में मदद की है। हम गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों के लिए एयरपोर्ट से उनके गृहनगर तक निशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा मुहैया करते हैं। अनाधिकारिक स्तर पर 100 शवों को पंहुचाया गया है और जिसमे से 30 मामले खुदखुशी के थे।अधिकतर मौते पर्याप्त भोजन और नींद न मिलने और खराब मौसम से हार्टअटैक के कारण होती है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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