सऊदी अरब के संदिग्धों पर जमाल खशोगी की हत्या के आरोप लगाये गए हैं। इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में मजाक उड़ाया जा रहा था और खशोगी के आने से पहले बहिष्कार के बारे मे बाते की जा रही थी। यह यूएन की जांचकर्ताओं के गोपनीय टेपो से जानकारी मिली है।
एक ब्रितानी वकील हेलेना कैनेडी ने कहा कि “उन्होंने सल्तनत के दूतावास के अन्दर से इन रिकॉर्डिंग को सुना था। सऊदी के आलोचक को “कुर्बानी का जानवर” कहकर संबोधित किया गया था। वहां इस बारे में चर्चा हो रही थी कि शव को किस तरीके से ले जाया जायेगा।”
उन्होंने इसके बाबत बीबीसी टीवी को दिए एक इंटरव्यू में बताया था। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर इस हत्या के आरोप लगाये गए थे। 2 अक्टूबर को खशोगी की हत्या इस्तांबुल में स्थित सऊदी के दूतावास में की गयी थी।
कैनेडी ने कहा कि “सऊदी के दूतावास में खशोगी के शव को काटा गया था और उसने कहा कि “जब मैं शव को काट रहा था तब गीत सुन रहा था। कई बार तो मैंने कॉफ़ी और सिगार भी पी थी।” पैथोलोजिस्ट ने कहा कि “यह मेरी जिंदगी में पहली दफा है कि मैं जमीन पर शव को काट रहा हूँ , बल्कि अगर आप एक कसाई भी है और जानवर काटना चाहते हैं तो जानवर को पहले तांगा जाता है।”
वे खशोगी के आने का इन्तजार कर रहे थे और कहा कि “क्या कुर्बानी का जानवर आ गया है।” आप उन्हें हँसते हुए सुन सकते थे। तुर्की ने 45 मिनट की ऑडियो रिकॉर्डिंग को संयुक्त राष्ट्र के सुपुर्द किया था ताकि इस मामले की जाँच हो सके।
यूएन की विशेष जांचकर्ता अगनेस काल्मार्ड ने भी इस टेप को सुना है और कहा कि “खशोगी ने संदिग्ध हत्यारों से पूछा था कि क्या तुम मुझे इंजेक्शन लगाने जा रहे हैं। जिसका उन्होंने हाँ में जवाब दिया था।”
उन्होंने कहा कि “इसके बाद खशोगी बेहद घुटन महसूस कर रहे थे शायद उनके मुंह पर प्लास्टिक बैग डाल दिया गया था। इसके बाद कोई कहता है यह एक कुत्ता है, इसके इसके मुंह पर डालो और बांधो। शायद उनका सिर धड से अलग कर दिया था।”