नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)| सड़कों पर वाहनों का भार कम से कम करके कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के मकसद शुरू किए गए कार व बाइक पुलिंग सेवा मंच क्विक राइड को अभी चार साल भी नहीं हुए हैं, लेकिन इसके साथ 15 लाख यूजर जुड़ चुके हैं। क्विक राइड मंच इस समय देश के नौ शहरों में अपनी सेवा दे रहा है और 2020 तक इनमें से हर शहर में मंच से 10 लाख लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
क्विक राइड पेट्रोल साझेदारी की अवधारणा पर काम करती है। इससे पंजीकृत यूजर को फ्यूल कार्ड मुहैया करवाया जाता है और हर किलोमीटर की यात्रा करने पर राइड ऑफर प्रदान करने वाले के फ्यूल कार्ड में तीन अंक जुड़ जाते हैं। जबकि राइड की सुविधा लेने वाले के कार्ड में तीन अंक कम हो जाते हैं। कार या बाइक चालक अपने फ्यूल कार्ड में संचित इस अंक से पेट्रोल पंप पर पेट्रोल अपनी गाड़ी में भरवा सकते हैं।
क्विक राइड के सह-संस्थापक के.एन.एम. राव ने यहां आईएएनएस से कहा, “अब तक उनके एप से देश के नौ महानगरों में 15 लाख लोग जुड़ चुके हैं और इसके साथ 14 लाख कारपुलर्स जुड़े हैं, जो अब तक 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को कारपुल राइड ऑफर कर चुके हैं, जिससे एक अनुमान के तौर पर 22,000 टन कार्बन उर्त्सजन में कमी आई है।”
कंप्यूटर एप्लीकेशन इंजीनियर राव और उनकी सहकर्मी शोभना कुछ साल पहले जब एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करते थे, तभी उनके मन में क्विक राइड का आइडिया आया और दोनों ने नौकरी छोड़ने के बाद सिंतबर 2015 में इसे अमलीजामा पहनाया। उन्होंने क्विक राइड की शुरुआत बेंगलुरू से ही की और आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली समेत एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे, त्रिवेंद्रम और कोच्चि में बहरहाल क्विक राइड की सेवा उपलब्ध है।
राव ने कहा कि उनका लक्ष्य 2020 तक इन सभी महानगरों मंे 10 लाख कारपुलर नेटवर्क बनाना है, जिससे रोजाना 3,000 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाई जाए।
क्विक राइड का मकसद न सिर्फ कारपुलिंग से सस्ती यातायात सेवा उपलब्ध करवाना है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य सड़कों पर वाहनों का भार कम करना और पार्किं ग की जरूरतों में कमी लाना भी है। राव ने कहा कि महानगरों में पार्किं ग एक बड़ी समस्या है और कार पुलिंग इस समस्या के समाधान की दिशा में कारगर साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि हालांकि कार पुलिंग कोई नई परिकल्पना नहीं है, क्योंकि एक ही दफ्तर में काम करने वाले या एक ही गंतव्य को रोज जाने वाले लोग पहले से ही कार पुलिंग करते आ रहे हैं, लेकिन प्रौद्योगिकी समर्थित एक मंच के रूप क्विक राइड ने इसे व्यापक आयाम दिया है, जिसे लोग पसंद कर कर रहे हैं।
बेंगलुरू की आईटी इंजीनियर सुमाना 2015 से ही क्विक राइड से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने आईएएनएस से फोन पर बातचीत में कहा कि वह अपने दफ्तर आने-जाने के लिए रोज कार पुलिंग करती हैं और इस मंच के साथ उनका अनुभव काफी अच्छा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सुविधाजनक होने के साथ-साथ सुरक्षित भी है।
राव ने बताया कि क्विक राइड से कार पुलिंग द्वारा यात्रा का खर्च महज तीन रुपये प्रति किलोमीटर पड़ता है, हालांकि वाहन के आधार पर यह पांच रुपये प्रति किलोमीटर तक हो सकता है। साथ ही, यात्रा के बाद फ्यूल अंक के हस्तांतरण पर क्विड राइड अपनी सेवा शुल्क के रूप उसका छह फीसदी हिस्सा लेता है।